मारुति हरियाणा से अलग नहीं है: मनोहर लाल मारुति हरियाणा में है और हरियाणा में ही रहेगी: आर.सी. भार्गव
punjabkesari.in Thursday, May 19, 2022 - 08:23 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज गुरुग्राम में रियल एस्टेट सैक्टर व ऑटोमोबाइल सैक्टर साथ-साथ चल रहे हैं। जब मुख्यमंत्री से यह पूछा गया कि हरियाणा से गई मारुति को वापस लाने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए तो जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मारुति इज गुरुग्राम एंड गुरुग्राम इज हरियाणा।’ हरियाणा मारुति से अलग नहीं है। मारुति के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने भी मुख्यमंत्री की बात का समर्थन करते हुए कहा कि मारुति हरियाणा में थी, हरियाणा में है और हरियाणा में ही रहेगी। भार्गव ने हरियाणा की औद्योगिक नीतियों व इन्वैस्टमैंट फ्रैंडली परिवेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज प्रदेश में मिले बेहतर माहौल के चलते मारुति ने अपना नया प्लांट लगाने के लिए हरियाणा के खरखौदा में भूमि का चयन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा आज विदेशी निवेश को लाने में देश के बड़े राज्यों को कड़ी टक्कर देने के साथ निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। मुख्यमंत्री आज गुरुग्राम के होटल लीला अंबीयंस में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और सुजुकी टू व्हीलर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को आई.एम.टी. खरखौदा में प्लांट स्थापना के लिए भूमि आबंटन के समझौता हस्ताक्षर कार्यक्रम उपरांत प्रैस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
खरखौदा में छोटी औद्योगिक इकाइयों को भी 1000 प्लॉट दिए
मीडिया प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनीपत के खरखौदा में 3200 एकड़ में विकसित की जा रही आई.एम.टी. में मारुति सुजुुकी इंडिया लिमिटेड और सुजुकी टू व्हीलर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 900 एकड़ जमीन देने के साथ ही छोटी औद्योगिक इकाइयों को भी 1000 प्लॉट दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश की एनहांसमैंट पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए प्लॉटधारकों को राहत देने का कार्य किया है। हरियाणा सरकार द्वारा एनहांसमैंट शुल्क की सीमा निर्धारित की गई है। संभावित शुल्क से ज्यादा राशि सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इसी कड़ी में सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों को 15 हजार करोड़ रुपए के प्लॉट ऑक्शन के माध्यम से बेचे गए हैं।
कीमत बढ़ोतरी मांग व डिमांड पर निर्भर, जिसका नियंत्रण सरकार के हाथ में नहीं होता
पत्रकारों द्वारा महंगाई के चलते उत्पादन लागत में हो रही कीमत बढ़ोतरी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादन की पूरी प्रक्रिया डिमांड व सप्लाई पर निर्भर है, जिसका नियंत्रण सरकार के हाथ में नहीं होता। उन्होंने कहा कि हम टैक्स व रैवेन्यू में रियायत दे सकते हैं। परिवहन लागत को कम करने के लिए सड़क का बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर दे सकते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बेरोजगारी दर को कम करने व युवाओं को स्वरोजगार के उद्यम स्थापित करवाने में गंभीरता से प्रयास कर रही है। आज हरियाणा में एम.एस.एम.ई. के माध्यम से करीब 1900 प्लॉट उपलब्ध करवाए गए हैं, जिनमें 6 से 7 करोड़ रुपए की इन्वैस्टमैंट हुई है।
सर्वे में बेरोजगारी का आंकड़ा साढ़े 6 से 7 प्रतिशत आया
हरियाणा में बेराजगारी संबंधी पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी को लेकर अलग-अलग तरह के आंकड़े पेश किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सी.एम.आई.ई. नामक यह एजैंसी अपनी एक साल पुरानी रिपोर्ट में बेरोजगारी का आंकड़ा 10 से 14 प्रतिशत के बीच दिखाती है तो वहीं अगले वर्ष यह आंकड़ा 32 से 34 प्रतिशत तक पहुंच जाता है, जोकि किसी भी रूप में वास्तविकता के नजदीक नहीं है। हरियाणा में श्रम विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 8 से 9 प्रतिशत बेरोजगारी है, जबकि परिवार पहचान पत्र द्वारा घर-घर जाकर बेरोजगारों की पहचान को लेकर किए जा रहे सर्वे में बेरोजगारी का आंकड़ा साढ़े 6 से 7 प्रतिशत आया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के माध्यम से अब तक 40 हजार लोगों को अलग-अलग सरकारी योजनाओं तथा ऋण संबंधी योजनाओं से जोड़ते हुए स्व:रोजगार तथा रोजगार से जोड़ा गया है। प्रदेश में इस प्रकार के एक लाख परिवारों को इन योजनाओं से जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर साल 2 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। प्रदेश में लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए जल्द ही सी व डी ग्रुप की भॢतयां निकाली जा रही हैं।