Year Ender 2022: वो चुनौतीपूर्ण घटनाएं जिनसे बढ़ी दिल्ली पुलिस के माथे की शिकन

punjabkesari.in Friday, Dec 30, 2022 - 05:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली पुलिस के लिए 2022 काफी व्यस्तता भरा रहा वर्ष रहा क्योंकि उसके पास जांच के लिए कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण और सनसनीखेज मामले थे। इनमें 27 वर्षीय श्रद्धा वालकर की उसके लिव-इन पार्टनर द्वारा कथित रूप से हत्या या सुली डील्स का मामला शामिल है। वालकर की हत्या के बारे में जानकारी दिल्ली पुलिस द्वारा 12 नवंबर को उसके 28 वर्षीय लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला को गिरफ्तार करने के बाद सामने आयी। 18 मई को कथित रूप से वालकर की गला घोंटकर हत्या करने के बाद, पूनावाला ने उसके शरीर के 35 टुकड़े किए और उन्हें दिल्ली के विभिन्न इलाकों में फेंकने से पहले अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा। श्रद्धा के पिता द्वारा मुंबई में सितंबर में एक शिकायत दर्ज कराने के बाद यह मामला सामने आना शुरू हुआ था। 

वालकर के एक दोस्त द्वारा यह सूचित करने के बाद उसके पिता ने यह शिकायत दी कि वालकर का फोन दो महीने से संपर्क में नहीं है जबकि पूनावाला का दावा है कि वे कुछ समय पहले अलग हो गए थे। हालांकि दिल्ली पुलिस को नवंबर में सुराग मिला और उसने वालकर के शरीर के अंगों की तलाश शुरू की। पूनावाला के कबूलनामे के बाद, पुलिस ने विभिन्न वनक्षेत्रों में छानबीन की और वालकर के अंगों की तलाश में मदनगीर के एक तालाब को भी खाली करा दिया। पुलिस ने महरौली और गुरुग्राम के वन क्षेत्रों से 13 से अधिक शव के टुकड़े बरामद किए। 

जांचकर्ताओं को तब सफलता मिली जब वालकर की हत्या वाले घर में पाए गए खून के निशान से मिले डीएनए के नमूने का मिलान उसके पिता के नमूनों से हो गया। पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को एनालिसिस भी कराया गया। हालांकि इन जांच की रिपोर्ट अदालत में स्वीकार्य नहीं होती, लेकिन परीक्षण के दौरान उसकी स्वीकारोक्ति से आगे की जांच में मदद मिलेगी। हालांकि पुलिस अभी तक वालकर का मोबाइल फोन बरामद नहीं कर पाई है जिसे आरोपी ने कथित तौर पर कहीं फेंक दिया था। जांचकर्ताओं के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण वर्ष होगा क्योंकि पूनावाला को दोषी साबित करने के लिए पुलिस को परिस्थितिजन्य और फोरेंसिक सबूतों पर निर्भर रहना होगा। 

वालकर मामला सामने आने के कुछ दिनों बाद, 45 वर्षीय अंजन दास की हत्या का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया, जिसकी 30 मई को उसकी पत्नी पूनम (48) और सौतेले बेटे दीपक (25) ने हत्या कर दी थी। घटना के सिलसिले में मां-बेटे दोनों को पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर से गिरफ्तार किया गया था। वालकर मामले की तरह, दास के शरीर के भी टुकड़े करके उन्हें एक बैग में भरकर बाद में जून में कल्याणपुरी के रामलीला मैदान में फेंक दिया गया था। अगले कुछ दिनों में, उसके पैर, जांघ, खोपड़ी और एक बांह की कलाई बरामद हुई। बिहार में दास की पहले से ही एक पत्नी और आठ बेटे थे, लेकिन उसने यह बात पूनम से छिपाई थी। हालांकि नवंबर में ही इस मामले का पर्दाफाश हो गया। मां-बेटे ने दास को इस संदेह पर मार डाला था कि उसकी अपनी सौतेली बेटी और सौतेले बेटे की पत्नी पर बुरी नजर थी। उन्होंने शरीर के अंगों को तीन से चार दिनों की अवधि में पूर्वी दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर फेंका था और खोपड़ी को दफन कर दिया था। 

दिसंबर में एक और भयानक घटना हुई, जिसमें बाइक सवार दो नकाबपोश व्यक्तियों ने 17 वर्ष की एक लड़की पर तेजाब फेंक दिया। लड़की पर तेजाब तब फेंका गया जब वह पश्चिमी दिल्ली स्थित अपने घर से स्कूल जाने के लिए निकली थी। लड़की पर यह हमला उत्तम नगर के पास मोहन गार्डन में हुआ और लड़की का चेहरा आठ प्रतिशत झुलस गया। बाद में, उसी शाम, पीड़िता के पड़ोसी सहित तीन व्यक्तियों को इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। मई में, एक और दिल दहला देने वाली घटना हुई जिसमें बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में एक व्यावसायिक इमारत में भीषण आग लगने के बाद 27 लोग जल गए या दम घुटने से उनकी मौत हो गई। आग पहली मंजिल से शुरू हुई जिसमें एक सीसीटीवी कैमरा कार्यालय और राउटर निर्माण और संयोजन कंपनी थी। पूरी तरह से जले हुए शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपलिंग पद्धति का इस्तेमाल किया गया। इस बीच, फ़ैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की जून में हुई गिरफ्तारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। 

पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनकी गिरफ्तारी की आलोचना की। पुलिस के अनुसार, जुबैर को अपने एक ट्वीट के माध्यम से कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जून में, जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर ने भी जांचकर्ताओं को व्यस्त रखा क्योंकि उन्होंने 200 करोड़ रुपये के जबरन वसूली मामले के पीछे की साजिश को उजागर करने की कोशिश की, जिसमें बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिज का नाम भी शामिल था। जैकलीन से दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पूछताछ की थी। बॉलीवुड की एक अन्य अभिनेत्री नोरा फतेही भी चंद्रशेखर के साथ अपने "पेशेवर" जुड़ाव के लिए जांचकर्ताओं के निशाने पर आ गईं। एक अन्य बड़े घटनाक्रम में, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और दिल्ली जेल के पूर्व महानिदेशक संदीप गोयल को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया। यह उन्हें दिल्ली जेल के प्रमुख के पद से हटाए जाने और दिल्ली पुलिस मुख्यालय से संबद्ध किए जाने के ठीक एक महीने बाद हुआ। 

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को चंद्रशेखर द्वारा एक पत्र लिखे जाने के बाद गोयल की मुसीबत बढ़ गई। चंद्रशेखर ने उक्त पत्र में यह सनसनीखेज दावा किया था कि उसने मंडोली जेल में अपनी सुरक्षा के लिए अधिकारी को 12.5 करोड़ रुपये दिये थे, जहां वह 200 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में बंद था। इस साल की शुरुआत में, दो ऐप - बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें आने के बाद भारी हंगामा हुआ। इन ऐप पर इन सभी तस्वीरों को ‘नीलामी' के लिए रखा गया था। दिल्ली पुलिस की तरह, मुंबई पुलिस ने भी बुल्ली बाई ऐप पर 'बिक्री' के लिए छेड़छाड़ की गई तस्वीरों की शिकायत के बाद अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान, दिल्ली पुलिस की साइबर इकाई ने 20 वर्षीय नीरज बिश्नोई की गिरफ्तारी के साथ इस मामले को सुलझाया, जो बुल्ली बाई ऐप का निर्माता और मुख्य साजिशकर्ता था। 


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Content Writer

Anil dev

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