आपके घर का सपना जल्द हो सकता है पूरा, यहां बेचे जाएंगे 1615 EWS फ्लैट

Sunday, Nov 11, 2018 - 12:06 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए खाली पड़े करीब 1615 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बेचने की तैयारी है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने सभी योजनाओं के नहीं बिकने वाले ईडब्ल्यूएस फ्लैट की सूची तैयार कर ली है। इन्हें प्रधानमंत्री योजना के तहत बेचने की मंजूरी के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू होगी।

जीडीए की कई योजनाओं में ईडब्ल्यूएस फ्लैट खाली पड़े हैं, जिन्हें खरीदने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा। कई लोगों ने अपना जमा पैसा वापस ले लिया हे। ऐसे में प्राधिकरण के लिए इन मकानों को बेचना मुश्किल हो गया है। 

शासन ने जीडीए को तीन साल में 36 हजार मकान प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत बनाने का लक्ष्य दिया है। वहीं, पहले चरण में यानी दिसंबर 2019 तक साढ़े 13 हजार प्रधानमंत्री आवास तैयार करने हैं। यह मकान निम्न आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के बनाए जाने हैं। इनकी कीमत कम होने के कारण जीडीए द्वारा बनाए गए ईडब्ल्यूएस मकान बिकने की संभावनाएं काफी कम है। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास की कीमत कम है, जबकि जीडीए के ईडब्ल्यूएस की कीमत ज्यादा है। ऐसे में लोग इन्हें नहीं खरीदेंगे। इस कारण प्राधिकरण अपने ईडब्ल्यूएस को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तैयार होने वाले मकानों में शामिल कर बेचने की तैयारी कर रहा है।

मंजूरी के लिए शासन को रिपोर्ट देगा जीडीए 
पिछले दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर हुई बैठक में जीडीए ने अपनी योजनाओं के ईडब्ल्यूएस मकान इस योजना में शामिल करने की बात कही थी। इस पर शासन ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में जीडीए की किस योजना में कितने ईडब्ल्यूएस फ्लैट ऐसे हैं जो नहीं बिके हैं, इसकी जानकारी देनी है। जीडीए इस रिपोर्ट को तैयार कर शासन को भेजेगा, जिसके बाद शासन स्तर से फैसला लिया जाएगा कि इन मकानों को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल किया जाए या नहीं। 

कीमत में अंतर
जीडीए और प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत तैयार होने वाले मकान दो कमरे के हैं। जीडीए के ईडब्ल्यूएस फ्लैट की कीमत आठ से 10 लाख रुपए है, जबकि प्रधानमंत्री आवास की कीमत 4.50 लाख रुपए है। इसमें केंद्र सरकार डेढ़ लाख रुपए और प्रदेश सरकार एक लाख रुपए का अनुदान देगी। 2 लाख रुपए लाभार्थी को देना होगा, इसके साथ ही लाभार्थी लोन भी ले सकता है।
 

jyoti choudhary

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