अापने भी लॉकर में रखा है सोना तो एेसे बचा सकते हैं टैक्स

Tuesday, Oct 24, 2017 - 11:59 AM (IST)

नई दिल्लीः अगर आप पिछले 10 सालों से हर खास मौके पर सोने में निवेश कर रहे हैं तो अब तक आप एक अमीर व्यक्ति बन चुके होंगे। पिछल 10 सालों में सोने की कीमतों में 10 गुना इजाफा हो चुका है। लेकिन अब आप अगर लाभ पाने के लिए सोने को लॉकर से बाहर निकालने की सोच रहे हैं तो इस पर चुकाने वाले टैक्स पर जरा ध्यान दें। सोने पर किसी तरह का होने वाला पूंजीगत लाभ टैक्स के अंतर्गत आता है। सोने पर लगने वाला टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितने समय के लिए इसे अपने पास रखा है। हालांकि आप समझदारी के साथ इस पर लगने वाला टैक्स बचा सकते हैं। जानिए सोने पर किस प्रकार से टैक्स लगता है और इसे कैसे कम किया जा सकता है।

3 साल से कम
यदि आप खरीद की तारीख से तीन साल के भीतर अपना सोना बेचने की योजना बना रहे हैं, तो इससे प्राप्त होने वाले लाभ को अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कहा जाता है। यह आपकी आय में जोड़े जाते हैं और आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है।

3 साल से अधिक
यदि आपने 3 साल से अधिक समय तक सोना संभाल कर रखा है, तो इस पर होने वाले लाभ को दीर्घावधि पूंजी लाभ कहा जाएगा। इस पर सूचीकरण लाभ के साथ 20.6 फीसदी (शिक्षा उपकर सहित) टैक्स लगाया जाता है। बाद में परिसंपत्ति की खरीद कीमत बढ़ जाती है और पूंजीगत लाभ कम हो जाता है।

कैसे करें गणना
मान लीजिए आपने एक दशक पहले सोने में 50 हजार रुपए का निवेश किया था और अब इसका दाम बढ़कर 1 ,50,000 रुपए हो गया है। इसका मतलब कि आपको 1 लाख रुपए का फायदा हुआ है और इस पर 20.6 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप सूचीकरण लाभ लेते हैं तो वास्तविक टैक्स खर्च कम हो जाएगा। लागत मुद्रास्फीति सूचकांक की गणना के लिए फार्मूला निम्नानुसार है।

1. सबसे पहले खरीद की लागत पर मुद्रास्फीति सूचकांक की लागत लागू करें।
2. लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (सी.आई.आई.) = सी.आई.आई. उस वर्ष के लिए जब संपत्ति को बेचा गया / सी.आई.आई. उस वर्ष के लिए जब संपत्ति को खरीदा गया 
3. इस मामले में सी.आई.आई. 1125/551 है, जो 2.04 बनता है। अब इसे खरीद मूल्य के साथ गुणा करें। आपको सोने की खरीद के लिए मुद्रास्फीति कीमत मिलती है जोकि 1.02 लाख रुपए है। तीसरा, वास्तविक लाभ पर पहुंचने के लिए इस राशि को बिक्री मूल्य से घटाएं। सोने की बिक्री मूल्य से सोने की खरीद की अनुक्रमित लागत को घटाकर लगभग 50,000 रुपए का पूंजी लाभ मिलता है जोकि पहले 1 लाख थी और उस पर टैक्स लगाया जाएगा।
 

Advertising