डिजिटल एड्रेस कोड: अब नहीं डालना होगा घर का पता, बस QR कोड स्कैन से हो जाएगा काम

Monday, Nov 29, 2021 - 06:46 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः आप जब भी अपने परिचय के साथ अपना एड्रेस बताते हैं तो गली, मुहल्ला, लैंडमार्क, गांव-टोला, शहर, राज्य, पिन कोड वगैरह सारा कुछ लिखना होता है। चिट्ठी-पत्री का तो अब उतना चलन नहीं रह गया है, लेकिन एडमिट कार्ड, ऑफिशियल लेटर, जॉब संबंधित कॉल लेटर, शादी के कार्ड वगैरह ऑनलाइन के अलावा अब भी डाक से आते हैं। वहीं, ऑनलाइन शॉपिंग में डिलीवरी के लिए सही पता का होना बहुत जरूरी होता है।

लेकिन जल्द ही आपके घर का यूनीक पता होगा। जिस तरह आपकी पहचान के लिए आधार कार्ड है, यूनीक आधार नंबर है, उसी तरह आपके मकान की भी यूनीक आईडी होगी। हर राज्य के हर गांव-शहर के हर टोले-मोहल्‍ले में स्थित हर भवन का एक डिजिटल कोड होगा। संभावना है कि यह डिजिटल कोड पिन कोड की जगह ले लेगा। 

डाक विभाग तैयार कर रहा डिजिटल एड्रेस कोड
केंद्रीय संचार मंत्रालय का डाक विभाग ने इस दिशा में कदम उठाया है। विभाग के अनुसार, हर मकान के लिए डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) होगा, जो डिजिटल को-ऑर्डिनेट्स की तरह काम करेगा। डाक विभाग ने इस बारे में आम लोगों और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव आमंत्रित किए थे, जिसकी समयसीमा 20 नवंबर को समाप्त हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में करीब 35 करोड़ मकान हैं, जबकि व्यापारिक और अन्य प्रतिष्ठान मिलाकर करीब 75 करोड़ भवन होंगे। डाक विभाग का लक्ष्य इन सभी के लिए 12 डिजिट की यूनीक आईडी तैयार करना है।

नई व्यवस्था से इस तरह होंगे फायदे
हर घर का ऑनलाइन एड्रेस वेरिफिकेशन हो सकेगा। बैंक में खाता खुलवाने से लेकर, टेलीफोन-बिजली कनेक्शन लेने के लिए एड्रेस का प्रमाण नहीं देना होगा। नई व्यवस्था में हर मकान का एक अलग कोड होगा। अगर एक बिल्डिंग में 50 फ्लैट हों तो हर फ्लैट का यूनीक कोड होगा। वहीं एक मंजिल पर दो परिवार रहते हैं तो उनका भी अलग-अलग कोड होगा। 

जो भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स डिजिटल मैप के जरिये डिलीवरी करते हैं, उनके लिए आसानी होगी। वे डीएसी के जरिए सटीक पते पर सामान डिलीवरी कर पाएंगे। केवाईसी के लिए बैंक, बीमा कंपनी के कार्यालय या अन्य जगहों पर नहीं जाना होगा। डिजिटल तरीके से ही ई-केवाईसी हो सकेगी।

Pardeep

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