कारोबार के लिए उथल पुथल वाला रहा वर्ष 2017

Thursday, Dec 28, 2017 - 01:05 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत, भारतीय अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह साल बेहद महत्वपूर्ण रहा। इस साल सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू करना रही। 2016 में जहां नोटबंदी ने अच्छे-अच्छों को जमीन दिखा दी थी वहीं 2017 में जी.एस.टी. के जाल में व्यापारी उलझे से नजर आए। महंगाई के मोर्चे पर सरकार को इस वर्ष भी जू्झना पड़ा। साल के खत्म होते-होते आधार कार्ड भी एक अहम मुद्दा बना गया। जानिए कारोबार के क्षेत्र में वर्ष 2017 कैसे उथल पुथल भरा रहा।

आधार कार्ड
साल 2017 में आधार कार्ड आम आदमी के जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन गया। बैंक खाता हो या पैन कार्ड, बीमा पॉलिसी हो या मोबाइल नंबर, आधार सबके लिए महत्वपूर्ण हो गया है और तय सीमा के भीतर इन सेवाओं और सुविधाओं को 31 मार्च 2018 तक आधार से लिंक करना अनिवार्य हो गया है। ऐसा नहीं करने से आपको मिल रही ये सुविधाएं बंद हो जाएंगी। पहले आधार लिंकिंग की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2017 थी।

RBI ने जारी किए नए नोट
साल 2017 में देश भर के लोगों को आरबीआई की तरफ से दो नए करेंसी नोटों का गिफ्ट भी मिला। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस साल  200 और 50 रुपए के नए नोट को जारी कर दिया था। 200 रुपए के नोट का बेस कलर ब्राइट येलो है। नोट पर आगे गांधी जी तस्वीर होगी, जबकि पीछे के हिस्से पर सांची का स्तूप है। 50 रुपए के नए नोट का रंग हल्का नीला है।

महंगाई
साल 2017 खत्म होने को है लेकिन महंगाई खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। 2017 में टमाटर की महंगाई ने सबको डरा दिया। कई जगह तो टमाटर के दाम 100 रुपए किलो के पार पहुंच गए। टमाटर के बाद प्याज ने भी लोगों को खूब रुलाया। 5 से 10 रुपए किलो बिकने वाला प्याज 2017 में 50 रुपए किलो बिक रहा है। पैट्रोल, डीजल, LPG की कीमतों ने भी आम आदमी की जेब को तगड़ा झटका दिया।

मूडीज ने बढ़ाई रेटिंग
नवंबर में ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग सुधारी। एजेंसी ने भारत की रेटिंग बीएए3 से बढ़ाकर बीएए2 कर दी। रेटिंग आउटलुक भी पॉजिटीव से स्टेबल कर दिया। मूडीज मे जी.एस.टी., नोटबंदी और आधार की तारीफ की। इसके अलावा बैंकों को पूंजी देने का फैसला भी रेटिंग एजेंसी का भा गया।

GST
साल 2017 में सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू करना रही। यह देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है। जी.एस.टी. ने हर भारतीय के जीवन पर असर डाला। पूरे देश में एक समान टैक्स व्यवस्था लागू करने के लिए सरकार ने बड़े प्रयासों के बाद 1 जुलाई 2017 से देश में समान कर व्यवस्था जी.एस.टी. लागू की। जी.एस.टी. में टैक्स के 4 स्लैब बनाए गए। सभी वस्तुओं और सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखा गया।

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