WTO सम्मेलन: खाद्य सुरक्षा, किसानों एवं मछुआरो के हितो की रक्षा पर भारत देगा जोर

Saturday, Jun 11, 2022 - 05:20 PM (IST)

मुंबईः विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के रविवार से शुरू हो रहे 12वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन (एमसी) में भारत खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए अनाज के सार्वजनिक भंडारण संबंधी मुद्दे के स्थायी समाधान और किसानों एवं मछुआरों के हितों की मजबूती से रक्षा करने पर जोर देगा। इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल करेंगे। 

डब्ल्यूटीओ के शीर्ष निकाय मंत्रीस्तरीय सम्मेलन की चार-दिवसीय बैठक 12 जून से जिनेवा में शुरू होगी। यह बैठक चार वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है, वह भी ऐसे वक्त जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है और वैश्विक आर्थिक स्थिति अनिश्चितताओं से भरी है। पिछली बार यह बैठक अर्जेंटिना में 2017 में हुई थी। एमसी 164 सदस्यीय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। इस बैठक में मुख्य रूप से कोविड-19 को लेकर डब्ल्यूटीओ की प्रतिक्रिया, पेटेंट छूट, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा, डब्ल्यूटीओ सुधार, प्रस्तावित फिशरीज सब्सिडाइज एग्रीमेंट के मुद्दों पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है। इस सम्मेलन में भारत खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए सार्वजनिक भंडारण (पीएसएच) के मुद्दे के स्थायी समाधान पर जोर देगा। 

पीएसएच कार्यक्रम एक नीतिगत उपाय होता है जिसके तहत सरकार किसानों से चावल और गेहूं जैसी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदती है और इसका भंडारण करके गरीबों में अनाज वितरित करती है। हालांकि डब्ल्यूटीओ का कृषि पर समझौता एमएसपी पर अनाज खरीदने की सरकार की क्षमता को सीमित कर देता है। वैश्विक व्यापार नियमों के अनुसार डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश का खाद्य सब्सिडी खर्च 1986-88 के संदर्भ मूल्य पर आधारित उत्पादन मूल्य के 10 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में इस मुद्दे का स्थायी समाधान भारत के लिए बहुत अधिक मायने रखता है।'' 

एक अधिकारी के मुताबिक, भारत चाहता है कि डब्ल्यूटीओ अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और मानवीय उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक भंडारण से खाद्यान्न के निर्यात की इजाजत दे, खासकर ‘सरकार के द्वारा सरकार के लिए' के आधार पर। डब्ल्यूटीओ के वर्तमान नियम सदस्य देशों को सार्वजनिक भंडारण से खाद्यान्न के निर्यात की इजाजत नहीं देते हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि डब्ल्यूटीओ एक महत्वपूर्ण संगठन है। इसकी बहुपक्षीय प्रकृति कभी भी प्रभावित नहीं होनी चाहिए इसलिए हम इसके कामकाज को बेहतर बनाने के सभी प्रयासों का समर्थन करेंगे।'' 

jyoti choudhary

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