3 महीने बाद बढ़ी थोक महंगाई

Monday, Jan 16, 2017 - 12:53 PM (IST)

नई दिल्लीः विनिर्माण तथा ईंधन एवं ऊर्जा वर्ग के उत्पादों के दाम बढऩे से पिछले साल दिसंबर में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 3.39 प्रतिशत पर पहुंच गई। हालांकि, नोटबंदी के कारण नकदी की कमी के कारण मांग उतरने से सब्जियों तथा प्याज की कीमत में भारी गिरावट से खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर शून्य से 0.70 प्रतिशत नीचे रही। 

3 महीने लगातार घटने के बाद थोक महंगाई में वृद्धि देखी गई है। इससे पहले गत नवंबर में थोक महंगाई दर 3.15 प्रतिशत रही थी जबकि दिसंबर 2015 में यह शून्य से 1.06 प्रतिशत नीचे दर्ज की गई थी।  वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार, गत वर्ष दिसंबर में सब्जियों के दाम दिसंबर 2015 की तुलना में 33.11 फीसदी घट गए। प्याज की कीमत में 37.20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। फलों के दाम भी मात्र 0.04 प्रतिशत ही बढ़े। 

अंडा तथा मांस-मछली की कीमत में 2.73 प्रतिशत तथा दूध के दाम में 4.11 प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गई। वहीं, न/न खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतों में ज्यादा बढ़ौतरी दर्ज की गई। मोटे अनाज 7.49 फीसदी, चावल 4.38 फीसदी, गेहूं 12.82 फीसदी, दालें 18.12 फीसदी और आलू 26.42 फीसदी महंगे हो गए। अगस्त 2015 के बाद 16 महीने के अंतराल के बाद खाद्य पदार्थों की महंगाई दर ऋणात्मक रही है। इसमें लगातार पांचवें महीने गिरावट दर्ज की गई है। 
 

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