खाद्य महंगाई से दुनिया पीड़ित, 2021 में 28% बढ़े दाम

Friday, Jan 07, 2022 - 04:01 PM (IST)

नई दिल्लीः दुनिया भर में खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में लगातार 4 महीने तक बढ़ौतरी के बाद दिसम्बर में थोड़ी गिरावट आई। हालांकि अगर 2021 के पूरे साल को देखें तो इस दौरान खाने-पीने की कीमतें करीब 28 फीसदी बढ़ीं, जो साल 2011 के बाद से अब तक का सबसे अधिक औसत लेवल है। संयुक्त राष्ट्र की फूड एजैंसी ने गुरुवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी।

फूड एड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफ.ए.ओ.) का फूड प्राइस इंडैक्स दुनिया भर में सबसे अधिक कारोबार वाली खाद्य वस्तुओं की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों पर नजर रखता है। दिसम्बर में यह इंडैक्स औसतन 133.7 अंक रहा, जो नवम्बर महीने के अंत में 134.9 अंक था। वहीं साल 2021 के सभी महीनों को मिलाकर देखने पर बैंचमार्क इंडैक्स का औसत 125.7 अंक रहा, जो पिछले साल के औसत अंक से 28.1 पर्सैंट अधिक है। वहीं साल 2011 के औसत 131.9 के बाद यह अब तक का सबसे उच्चतम औसत आंकड़ा है। मंथली इंडैक्स के 10 साल के उच्चतम स्तर पर होना बताता है कि कई फसलों को नुक्सान पहुंचा है और इनकी मांग पिछले साल के मुकाबले अधिक मजबूत है।

कमतों में सबसे अधिक गिरावट वैजिटेबल ऑयल और शूगर में देखने को मिली
हालांकि दिसम्बर महीने में डेयरी प्रोडक्ट अपवाद के तौर पर शामिल है, जिनके दाम में बढ़ौतरी देखी गई। बाकी इन्हें छोड़कर सभी कैटागरी की कीमतों में दिसम्बर में नरमी देखने को मिली। एजैंसी ने बताया कि कीमतों में सबसे अधिक गिरावट वैजिटेबल ऑयल और शूगर में देखने को मिली। एजैंसी ने बताया कि हालांकि साल 2021 में सभी कैटागरी के उत्पादों की कीमतों में तेज बढ़ौतरी देखी गई। एजैंसी ने बताया कि खाने-पीने की वस्तुओं की दाम बढ़ने से ग्लोबल स्तर पर महंगाई बढ़ी है। साथ ही एजैंसी ने यह भी चेताया कि इससे उन देशों की गरीब आबादी पर काफी असर पड़ता है, जहां अधिकतर फूड प्रोडक्ट बाहर से आयात किए जाते हैं।
 

jyoti choudhary

Advertising