भारतीय रेलवे का नया पार्टनर बना World Bank, एेसे करेगा मदद

Wednesday, Jul 19, 2017 - 03:17 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत के रेल मंत्री सुरेश प्रभु भारतीय रेल में बदलाव के लिए रोज नई योजनाएं बनाते रहते हैं। अब भारतीय रेलवे में बड़े सुधार का ब्लूप्रिंट तैयार करने में विश्व बैंक मदद करेगा, जिसके लिए वह 5 लाख करोड़ का निवेश करने को तैयार है। विश्व बैंक ऐसा इसलिए करना चाहता है ताकि अंग्रेजों के जमाने के इस ट्रांसपोर्ट को स्ट्रैटेजिक प्लैटफॉर्म में बदला जा सके ताकि यह एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को सहारा दे सके। इस योजना के तहत परिवहन, डिजिटाइजेशन, तकनीकी आधुनिकीकरण के अलावा एक रेलवे विश्वविद्यालय और रेल टैरिफ अथॉरिटी बनाने की भी योजना है।

पहले भी मदद कर चुका है विश्व बैंक
जानकारी के अनुसार विश्व बैंक पहले भी भारतीय रेलवे की मदद कर चुका है। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में वित्तीय निवेश में विश्व बैंक ने मदद की थी। करीब दो साल तक चलने वाले इस नवीनीकरण कार्यक्रम में विश्व बैंक सलाहकार और कार्यक्रम प्रबंधक की भूमिका में मदद करेगा। रेल मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि समय से काम पूरा करने और उसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विश्व बैंक की सेवा ली जा रही है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में रेलवे के कायाकल्प का खाका तैयार किया गया है जिसके तहत अगले चार सालों में रेल की सूरत बदलने के लिए करीब पांच लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

डिजिटाइजेशन पर रहेगा जोर
इस योजना के तहत इस साल 1.31 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। रिपोर्ट के अनुसार रेल मंत्रालय ने एक दीर्घकालीन सुधार योजना भी बनाई है। यात्रियों और माल की ढुलाई की स्थिति बेहतर बनाने के लिए इस योजना को पूरा करने में भी विश्व बैंक मदद करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुचर्चित डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की भावनाओं के तहत रेल मंत्रालय का डिजिटाइजेशन पर विशेष जोर रहेगा।

Advertising