जानिए कैसे तैयार होती है ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट

Tuesday, Oct 31, 2017 - 08:33 PM (IST)

नई दिल्ली: देश में कारोबारी सुगमता यानी 'इज ऑफ डूंइंग' बिजनेस रैंकिंग में भारत ने 30 स्थानों की जबर्दस्त छलांग लगाते हुए टॉप 100 देशों में अपनी जगह बना ली है। वल्र्ड बैंक ने आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर आधारित एक रिपोर्ट पेश कर दी है।

ताजा रैकिंग में दो जून 2016 से लेकर एक जून 2017 के बीच सुधार कार्यक्रमों को जारी किया गया है। क्योंकि, जीएसटी पहली जुलाई 2017 को लागू हुआ था, इसलिए ताजा रैकिंग में इसे शामिल नहीं किया गया है। विश्व बैंक का मानना है कि इसका असर अगले तीन से पांच सालों में देखने को मिलेगा।

क्या है ‘फेमस ईज ऑफ डूइंग’ बिजनेस रिपोर्ट 
दरअलस रैंकिंग बताती है कि आपके देश में बिजनेस करना कितना आसान है। पिछले साल के सर्वे में भारत 130वें पायदान पर था। केंद्र सरकार ने पिछले 1 साल में इकोनॉमिक रिफॉर्म से जुड़े कई बड़े कदम उठाए हैं। इसमें देश का ऐतिहा‍सिक टैक्‍स रिफॉर्म डीआईपीपी भी शामिल है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए रखे गए हैं ये मानदंड
बिजनेस की शुरुआत करने में लगने वाले समय, न्यूनतम पैसा व प्रक्रिया को लेकर कई तरीके के अध्ययन किए जाते हैं।
जिस चीज की खरीद-फरोख्त करेंगे उसके लिए वेयरहाउस बनाने में लगने वाला समय, उसकी लागत व प्रक्रिया। आपकी कंपनी के लिए इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन में लगने वाला समय।

देश में जो भी निवेश करने जा रहा है उन कारोबारियों के पैसों की सुरक्षा गारंटी कितनी है यह रिपोर्ट तैयार करने के दौरान सबसे अहम पहलू माना जाता है।

टैक्स की संरचना, कितने तरह के टैक्स लिए जाते हैं और उसे भरने में कारोबारियों को कितना वक्त गुजारना पड़ता है यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट तैयार करते वक्त ध्यान में रखा जाता है।

व्यवसायिक संपत्तियों के निबंधन में लगने वाला समय और खर्च पर भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस काफी हद तक निर्भर करता है। दो कंपनियों के बीच होने वाले अनुबंधों में होने वाली प्रक्रिया और खर्च होने वाले रकम को भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में आधार बनाया जाता है।

निर्यात को लेकर किसी देश में क्या नियम है और इसमें किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। यह बात भी काफी मायने रखती है।

विदेशी निवेश मामले में भारत बना नंबर वन
विदेशी निवेश के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़कर नंबर एक देश बन चुका है। सूत्रों के मुताबिक, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से अब तक देश में करीब 170 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आ चुका है। सुरेश प्रभु ने हाल ही में कहा था कि देश को जल्‍द ही अच्‍छी खबर मिलने वाली है।

रैंकिंग से अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर 
अगर भारत की रैंकिंग में सुधरती है तो इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। रैंकिंग से पता चलता है कि देश में बिजनेस करना कितना आसान है। साथ देश में निवेश का सेंटिमेंट भी बढ़ाता है। विदेशी कंपनियों की नजर भी इस रिपोर्ट पर रहती है। अच्छी रैंकिंग वाले देश में ही विदेशी कंपनियां कारोबार करने के लिए आती हैं, जिससे रोजगार के नए मौके पैदा होते हैं। सबसे ज्यादा बेरोगारी के मुद्दे पर घिरी मोदी सरकार के लिए बढ़ी हुई रैंकिंग विपक्ष को करारा जवाब देने का काम करेगी। 

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