निवेश, स्वास्थ्य तथा शिक्षा को बढ़ावा देने वाला हो बजट: बसु

punjabkesari.in Sunday, Feb 14, 2016 - 04:57 PM (IST)

नई दिल्लीः विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु का मानना है कि केंद्र सरकार को आगामी बजट में निवेश बढ़ाने तथा आम लोगों और कंपनियों के लिए प्रक्रियागत लागत कम करने के उपाय करने चाहिए। एक कार्यक्रम के लिए यहां आए बसु ने बातचीत में बजट अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, "आम तौर पर सरकार को यह ध्यान में रखना होगा कि देश में निवेश जारी रहे। स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देना होगा तथा यह सुनिश्चित करना होगा कि आम लोगों और कंपनियों के लिए दफ्तरी प्रक्रिया की लागत कम हो। बजट इन सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए।"

 

देश तथा दुनिया के बाजारों में जारी उथल-पुथल के बारे में बसु ने कहा कि इसका मुख्य कारण कच्चा तेल तथा अन्य कमोडिटी की कीमतों में भारी गिरावट है। उन्होंने कहा, "दुनिया काफी मुश्किल परिस्थिति से गुजर रही है, विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर कमोडिटी की कीमतों में गिरावट की वजह से। पिछले तीन-चार साल में कमोडिटी में उतार का चक्र रहा है और विशेषकर पिछले डेढ़ साल में कच्चा तेल में गिरावट आई है। हालांकि, दीर्घावधि में यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है लेकिन समायोजन का यह समय उन अर्थव्यवस्थाओं के लिए बेहद मुश्किल है जिन्होंने इन कमोडिटीज में निवेश किया है। ज्यादातर मौजूदा समस्याओं की यही वजह है, जिसका असर शेयर बाजारों और मुद्रा बाजारों पर देखा जा रहा है।’’ 

 

जाने-माने अर्थशास्त्री ने कहा कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में मामूली सुधार की उम्मीद है लेकिन यह बेहद मामूली होगा क्योंकि मुश्किलें अभी जारी हैं। उन्होंने कहा, "आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कमोडिटीज की कीमतों के अलावा राजनैतिक टकराव और मध्य पूर्व तथा यूरोप में बड़े पैमाने पर विस्थापन की समस्या भी है। इनसे भी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ सकता है। यह मुश्किल घड़ी है लेकिन हम बेहद धीमे सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।" 

 

भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बसु ने कहा कि विश्व बैंक ने इस साल इसके 7.8 प्रतिशत की रफ्तार से बढऩे का अनुमान जाहिर किया है जो वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन कहा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि भारत विश्व बैंक की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। 


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