PM मोदी ने दिए संकेत! 99% सामान होंगे सस्ते, 28% की जगह लगेगा 18% GST
Wednesday, Dec 19, 2018 - 08:37 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिए है कि जल्द 99 फीसदी सामान को जीएसटी के 18 फीसदी वाले दायरे में लाने की योजना है। उन्होंने कहा कि, कुछ चीजें ही 28 फीसदी GST दायरे में रहेंगी, बाकी चीजें 18 फीसदी या उससे कम GST दायरे में रहेंगी। अगर ऐसा होता है तो करीब 35 चीजें सस्ती हो जाएंगी। इनमें AC, डिजिटल कैमरा, कार जैसी चीजें शामिल है। हालांकि, सरकार साफ कर चुकी हैं कि सिगरेट और तांबकू प्रोडक्ट को 28 फीसदी के GST दायरे से बाहर नहीं किया जाएगा।
जीएसटी पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में दशकों से जीएसटी की मांग थी। आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बाजार की विसंगतियां दूर हो रही हैं और सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता की तरफ हम बढ़ रहे हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में जीएसटी अलग-अलग राज्यों में वैट और एक्साइज की जो व्यवस्था थी, उसी की छाया में आगे बढ़ रहा था। जैसे-जैसे विचार-विमर्श हुआ, धीरे-धीरे इसमें भी बदलाव आते रहे। विकसित देशों में भी छोटे-छोटे टैक्स रीफॉर्म लागू करना आसान नहीं होता है।
प्रधानमंत्री @narendramodi ने कहा - कुछ चीजें ही 28% GST दायरे में रहेंगी, बाकी चीजें 18% या उससे कम #GST दायरे में रहेंगी।#AwaazMarkets pic.twitter.com/arXzvtnpMV
— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) December 18, 2018
पीएम मोदी का कहना है कि जीएसटी लागू से पहले रजिस्टर्ड इंटरप्राइजेज की संख्या मात्र 66 लाख थी, जो अब बढ़कर 1 करोड़ 20 लाख हो गई है। पीएम ने कहा कि पूरे भारत ने एक-मन होकर, इतने बड़े टैक्स रीफॉर्म को लागू करने के लिए प्रयास किया। हमारे कारोबारियों और लोगों के इसी जज्बे का परिणाम है कि भारत इतना बड़ा बदलाव करने में सफल हो सका है।
हमारे देश में दशकों से जीएसटी की मांग थी। आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बाजार की विसंगतियां दूर हो रही हैं और सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता की तरफ हम बढ़ रहे हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 18, 2018
जीएसटी पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में दशकों से जीएसटी की मांग थी। आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बाजार की विसंगतियां दूर हो रही हैं और सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता की तरफ हम बढ़ रहे हैं।