महिलाओं को उम्मीद, बजट में इनकम टैक्स में मिल सकती है स्पेशल राहत

Tuesday, Jan 24, 2023 - 03:45 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को देश का बजट पेश करेंगी। महिलाओं को उम्मीद है कि इस बजट में बिजनेस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। RBI के एक सर्वे के मुताबिक देश में सिर्फ 14 फीसदी MSMEs हैं, जिनकी मालिक महिलाएं हैं। वहीं 5.9 फीसदी स्टार्ट्अप्स महिलाओं के हैं। इसके अलावा जेंडर बजट को भी बढ़ाने की भी मांग हो रही है।

वित्त अधिनियम 2012 ने महिलाओं के लिए टैक्स स्लैब में अंतर को खत्म कर दिया था और एक समान टैक्स स्लैब लागू किया था जो पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए समान था। साल 2012 तक महिलओं को पुरुषों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा टैक्स बेनिफिट मिलता था। विशेषज्ञों के मुताबिक वर्किंग महिलाओं के भविष्य के बारे में सोचते हुए उन्हें ज्यादा टैक्स बेनिफिट मिलना चाहिए। जानकारों के मुताबिक, टैक्स स्लैब में छूट व्यक्ति की आयु के मुताबिक लागू होनी चाहिए, न कि लिंग के संबंध में।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डेलॉइट इंडिया की पार्टनर सुधाकर सेथुरमन ने बताया कि इनकम टैक्स स्लैब रेट्स में एक समान छूट आज के जमाने के एक महत्वपूर्ण मांग है। वो कहती हैं, वित्त मंत्री सबकी मांग को पूरा करने के बजाए शायद ये लाभ सर्फ महिलाओं को ही दें।

आगे वो कहती हैं कि भले ही महिलाओं की सेविंग्स करने की क्षमता पुरुषों के मुकाबले ज्यादा अच्छी है। ये बजट शायद महिलाओं को वित्तीय रूप से मजबूत बनाएगा। उज्ज्वला योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के साथ भारत के दृष्टिकोण और महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व में प्रयास को ध्यान में रखते हुए सेथुरमन ने कहा, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’, ‘सुकन्या समृद्धि अकाउंट’, और ‘सैनिक स्कूल’ जैसी उच्च योजनाएं हैं जहां न सिर्फ महिलाओं को टैक्स में छूट मिलती है बल्कि देश का विकास भी होता है। 

वर्तमान टैक्स स्लैब

वर्तमान में देश दो टैक्स स्लैब है। एक को ओल्ड टैक्स स्लैब के नाम से जानते हैं, यह काफी पहले से चली आ रही है, जबकि न्यू टैक्स स्लैब को 2020 में शुरू किया गया था। पुराने स्लैब में 5%, 20% और 30% तीन स्लैब हैं, वहीं, नए में – 5%, 10%, 15%, 20%, 25%, और 30% स्लैब है जिसके तहत सारी कटौती और लाभ मिलते है। सरकार ने ये करदाताओं पर छोड़ रखा है की वह किस टैक्स स्लैब के तहत अपना आयकर भरते है। कई ऐसे लाभ है जो नए टैक्स रेजीम में नहीं मिलते इसलिए अघिकांश लोग पुराने टैक्स स्लैब से ही आयकर रिटर्न भरते है।

ऐसा हो सकता है नया टैक्स स्लैब

आर्थिक विशेषजों का कहना है की यदि टैक्स स्लैब में सरकार बदलाव करती है तो छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़कर 5 लाख हो सकती है जिसका मतलब साफ है की 5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। वर्तमान में 2.50 लाख से ज्यादा इनकम वालों को आयकर रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है। नए स्लैब बाद ये सीमा बढ़कर 5 लाख हो जाएगी।

jyoti choudhary

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