सोने-चांदी की तस्‍करी पर कसेगा शिकंजा! केंद्र ने कई उत्‍पादों को कंट्रोल्‍ड शिपमेंट की लिस्‍ट में डाला

Wednesday, Jul 13, 2022 - 03:44 PM (IST)

नई दिल्लीः सोने पर आयात शुल्‍क बढ़ने के बाद उठ रही इसकी तस्‍करी की आशंकाओं को सरकार ने पूरी तरह खत्‍म कर दिया। सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सोने-चांदी, कीमती और कम कीमती पत्‍थरों, रत्‍नों, करेंसी और एंटीक उत्‍पादों सहित कई आइटम को कंट्रोल्‍ड शिपमेंट की लिस्‍ट में डाल दिया है।

दरअसल, इस लिस्‍ट में शामिल उत्‍पादों के आयात-निर्यात पर सरकार पूरी तरह नजर रखती है और इससे जुड़े व्‍यक्तियों की पहचान भी कर लेती है। लिहाजा नए सिस्‍टम के तहत अब सोने-चांदी की तस्‍करी करना और मुश्किल हो जाएगा। सरकार का मकसद इन उत्‍पादों के शिपमेंट में लगे लोगों का पता लगाना है। सरकार ने सूची में शामिल सभी आइटम को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

इन उत्‍पादों की होगी निगरानी

सरकार ने कंट्रोल्‍ड शिपमेंट लिस्‍ट में नशीले पदार्थ, साइकोट्रॉपिक सब्‍सटांसेज, रसायन, नियंत्रित तत्‍व, शराब और उससे जुड़े उत्‍पाद, नकली करेंसी, सिगरेट, तंबाकू और तंबाकू से बने उत्‍पादों सहित कई आइटम को डाला है। इस सूची में शामिल उत्‍पादों के आयात-निर्यात की मंजूरी सक्षम अधिकारियों की निगरानी में दी जाती है। राजस्‍व विभाग के अधिकारी दूसरे देशों के संबंधित अधिकारियों के साथ परामर्श करने के बाद इन उत्‍पादों के शिपमेंट को मंजूरी देते हैं।

सामान पर लगाए जाएंगे ट्रैकिंग डिवाइस

नियम के तहत जरूरत पड़ने पर कस्‍टम अधिकारी किसी सामान के शिपमेंट से पहले उस पर निशान या ट्रैकिंग डिवाइस भी लगा सकता है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि संबंधित उत्‍पाद किसके पास जा रहे हैं। इससे तस्‍करी या अन्‍य अपराध में शामिल व्‍यक्ति की पहचान आसान हो जाएगी। सरकार का मकसद किसी भी हानिकारक, प्रतिबंधित और कीमती सामानों की तस्‍करी पर पूरी तरह रोक लगाना है।

72 घंटे में मंजूरी लेना जरूरी

सरकार ने नोटिफिकेशन में अधिकारियों के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि ऐसे किसी उत्‍पाद की कंट्रोल्‍ड डिलीवरी की पहले से अनुमति लेना जरूरी है। अगर तत्‍काल मंजूरी नहीं मिल पाती है तो डिलीवरी के 72 घंटे के भीतर सक्षम अधिकारी को उसके शिपमेंट की मंजूरी लेना जरूरी है। अगर शिपमेंट पूरा होने से पहले ही टर्मिनेट कर दिया जाता है तो अधिकारी इस पर सामान्‍य स्थिति के हिसाब से कार्रवाई कर सकता है यानी ऐसे में इन उत्‍पादों पर कंट्रोल्‍ड शिपमेंट का नियम लागू नहीं होगा।

jyoti choudhary

Advertising