विल्फुल डिफॉल्टर्स ने बढ़ाया बैंकों का बोझ, SBI टॉप पर
Monday, Sep 18, 2017 - 04:02 PM (IST)
नई दिल्लीः बैंको के विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या में बढ़ौतरी देखने को मिल रही है। बैंको के विलफुल डिफॉल्टर्स (जान-बूझकर कर्ज न चुकाने वाले) की संख्या बढ़कर एक लाख के पार जा चुकी है। बीते साल में लोकल लेंडर्स के विलफुल डीफॉल्टर्स मे लगभग 45 फीसदी का इजाफा हुआ है। ट्रांसयूनियन सिबिल के अनुसार बैंको से उधार लेनेवालों की संख्या मार्च 2016 के 74,694 करोड़ के मुकाबले मार्च 2017 मे 1,09,594 करोड़ रुपए तक पहुंच गई हैं। पिछले पांच साल में विलफुल डिफॉल्टर्स की कुल रकम 25,42 करोड़ रुपए से बढक़र 84,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
पहले नंबर पर है भारतीय स्टेट बैंक
देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) को विलफुल डिफॉल्टर घोषित 997 कर्जदारों से 15,069 करोड़ रुपए वसूलने हैं। ऐसे कर्जदारों के पास देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कुल फंसे कर्ज का 27 प्रतिशत अकेले एस.बी.आई. को वसूलना है। इस सूची में अगला नाम पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) का आता है। उसके 871 घोषित डिफॉल्टर्स के पास बैंक का 10,989 करोड़ रुपए फंसा है। वित्तिय संस्थाओं की बात करें तो एल.आई.सी. के विलफुल डिफॉल्टर्स की कुल रकम में कमी आई है। एल.आई.सी. के मार्च 2016 के 1,304 की तुलना में ये आंकड़ा मार्च 2017 में 1,034 के स्तर पर आ गया है। भारतीय स्टेट बैंक के विलफुल डिफॉल्टर्स मे जीईटी इंजीनियरिंग (424 करोड़ रुपए), जेनीथ बिड़ला (139 करोड़ रुपए), और राजपूत रिटेल (283 करोड़ रुपए) शामिल है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक की बात करें तो इसमें जूम डेवलपर्स के 410 करोड़ रुपए, फॅारएवर प्रिसियस के 747 करोड़ रुपए और विन्सम डायमंड के 899 करोड़ रुपए है।
बैंकों के विलफुल डिफॉल्टर्स
बैंक | रकम (करोड़ रुपए) |
एस.बी.आई. | 15,069 |
पी.एन.बी. | 10,989 |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 4,785 |
ओ.बी.सी. | 4,147 |
सेंट्रल बैंक | 4,023 |
आंध्र बैंक | 3,847 |
यूनियन बैंक | 3,588 |
बैंक ऑफ इंडिया | 3,573 |