बेनामी संपत्ति पर PM मोदी ने पूछा, कानून को पास होने में क्यों लगे 26 साल?

Tuesday, Feb 07, 2017 - 02:22 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र के आरंभ में राष्ट्रपति द्वारा अभिभाषण प्रस्ताव का जवाब देते हुए संसद में कांग्रेस पर जमकर कटाक्ष किए। पीएम मोदी ने कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में 1988 में पास हुए बेनामी कानून को 26 सालों तक अधिसूचित क्यों नहीं किया गया? अब बेनामी संपत्ति का कानून पास हो गया है। सब लोग इसे ध्यान से पढ़ लें कि यह कितना कठोर कानून है। मेरी सबसे अपील है कि मुख्यधारा में आकर देश के विकास में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही विदेशों से कालाधन वापस लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एसआईटी बनाई।

नोटबंदी के फैसले पर पीएम ने कहा, "हमें चुनाव की चिंता नहीं देश की चिंता है।" मोदी ने कहा, नोटबंदी ऐसे समय में की गई जब अर्थव्यवस्था अच्छी चल रही थी क्योंकि जब ऑपरेशन कराना हो उस वक्त शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है। उसी प्रकार नोटबंदी के लिए यह उपयुक्त समय था। उन्होंने कहा "आप कितने ही बड़े क्यों न हों, गरीब के हक को लौटाना होगा। मैं इस रास्ते से पीछे हटने वाला नहीं हूं।" मोदी ने कहा कि नोटबंदी का फैसला सही समय पर लिया गया फैसला है।

क्या है बेनामी संपत्त‍ि?
नाम से लगता है कि बेनामी संपत्ति‍ ऐसी संपत्त‍ि है जो बिना नाम की होती है। यहां लेनदेन उस शख्स के नाम पर नहीं होता है जिसने इस संपत्त‍ि के लिए कीमत चुकाई है, बल्कि यह किसी दूसरे शख्स के नाम पर होता है। यह संपत्त‍ि पत्नी, बच्चों या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी गई होती है। जिस शख्स के नाम पर ऐसी संपत्त‍ि खरीदी गई होती है, उसे बेनामदार कहा जाता है।

आमतौर पर ऐसे लोग बेनामी संपत्त‍ि रखते हैं जिनकी आमदनी का मौजूदा स्रोत स्वामित्व वाली संपत्त‍ि खरीदने के लिहाज से अपर्याप्त होता है। यह बहनों, भाइयों या रिश्तेदारों के साथ ज्वाइंट प्रॉपर्टी भी हो सकती है जिसकी रकम का भुगतान आय के घोषित स्रोतों से किया जाता है।

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