अधिकारियों ने राज्यसभा को दी जानकारी, अश्लीलता रोकने में व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्म नहीं कर रहे सहयोग

Monday, Dec 23, 2019 - 12:28 AM (IST)

नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी के मुद्दे और बच्चों पर इसके प्रभावों की पड़ताल कर रहे राज्यसभा के एक पैनल को सरकारी अधिकारियों ने बताया कि व्हाट्सएप और सिग्नल जैसे प्लेटफार्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का हवाला देते हुए कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं करते हैं। यहां तक कि कानून के तहत किए गए अनुरोध का भी वे सम्मान नहीं करते हैं। बता दें कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का अर्थ है कि संदेश तक सिर्फ भेजने वाले और पाने वाले की पहुंच होती है। कोई और इस बारे में नहीं जान सकता।

सांसदों का यह पैनल सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी के मुद्दे और बच्चों पर इसके प्रभावों की पड़ताल कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी और बच्चों तथा समाज पर इसके प्रभाव के खतरनाक मुद्दे पर एक पैनल का गठन किया था। इस पैनल में 10 राजनीतिक दलों के 14 सदस्य शामिल हैं और इसकी कई बैठकें हो चुकी हैं। पैनल ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार नियामक ट्राई और सोशल मीडिया प्लेटफार्म से इस बारे में चर्चा की है। 

मंत्रालय के अधिकारियों ने पैनल के समक्ष कहा कि उन्हें पोर्नोग्राफी के मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जानकारी जुटाने में कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और जब सूचना या जांच की बात कही जाती है तो (वे) कहते हैं कि वे मेजबान देश के कानून से संचालित हैं। गौरतलब है कि इस समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद जयराम रमेश कर रहे हैं। उम्मीद है कि समिति अगले महीने अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। 

Pardeep

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