चुनावी माहौल में महंगाई बढ़कर हुई 2.93%, BJP की बढ़ सकती है मुश्किल

Thursday, Mar 14, 2019 - 05:36 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः ईंधन, बिजली एवं प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें बढऩे से फरवरी महीने में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (महंगाई) बढ़कर 2.93 प्रतिशत पर पहुंच गई। बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मंहगाई जनवरी में 2.76 प्रतिशत थी। पिछले साल फरवरी माह में यह 2.74 फीसदी थी।

 

वहीं आंकड़ों के अनुसार, प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी के 3.54 प्रतिशत की तुलना में फरवरी में बढ़कर 4.84 प्रतिशत पर पहुंच गई। प्राथमिक वस्तुओं में आलू, प्याज, फल और दूध जैसे रसोई के आवश्यक सामान शामिल हैं। इस दौरान ईंधन एवं बिजली की मुद्रास्फीति 2.23 प्रतिशत बढ़ गईँ। जनवरी महीने में इसमें 1.85 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

भाजपा की बढ़ सकती है मुश्किल
आम चुनाव से पहले घरेलू बाजार में महंगाई बढऩे और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। चालू सप्ताह के दौरान सप्ताह में जारी सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि घरेलू बाजार में थोक और खुदरा महंगाई बढ़ रही है जबकि दूसरी ओर कारखानों का उत्पादन घट रहा है। इन दोनों सूचकांक का संबंध में आम आदमी की रोजमर्रा की जिंदगी है। औद्योगिक उत्पादन घटने का तात्पर्य है कि कारखानों में उनकी क्षमताओं के अनुसार उत्पादन नहीं हो रहा है और रोजगार के अवसर घट रहे हैं। मुद्रास्फीति के आंकड़े घरेलू बाजार में माल की मांग और आपूर्ति का संकेत देते हैं।  


चुनावी माहौल में महंगाई
लोकसभा चुनावों की अधिसूचना जारी हो चुकी है और देश में 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में मतदान होगा। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों के लिए बढ़ती महंगाई और रोजगार के घटते अवसर प्रमुख मुद्दे हैं जबकि सत्तारूढ़ भाजपा महंगाई नियंत्रण में होने और रोजगार बढऩे के दावे करती हैं। महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े हालांकि सरकार के दावों को खारिज करते हैं। 

Isha

Advertising