थोक मुद्रास्फीति मार्च 2019 तक 4.1 फीसदी रहने की उम्मीदः रिपोर्ट

Tuesday, Jul 17, 2018 - 04:42 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अगले साल मार्च तक नरम पड़कर 4.1 फीसदी रह जाने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में इसके चार साल के उच्च स्तर तक पहुंच जाने के बाद अब इसके इससे ऊपर जाने की उम्मीद नहीं लगती और इसमें गिरावट आने का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) जून में 5.77 फीसदी पर पहुंच गई जबकि मई में यह 4.43 फीसदी थी। इसकी प्रमुख वजह ईंधन और बिजली के दाम में बढ़ोत्तरी होना है। कोटक आर्थिक शोध रिपोर्ट के अनुसार मुख्य डब्ल्यूपीआई के अगले साल मार्च तक घटकर 4.1 फीसदी रह जाने की उम्मीद है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसका औसत 4.5 फीसदी रह सकता है। जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह 2.9 फीसदी रही थी। इसी बीच जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच महीने के उच्च स्तर यानी पांच प्रतिशत पर पहुंच गई।

भारतीय रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करने में इसी के आंकड़ों का उपयोग करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके चलते रिजर्व बैंक का रूख सावधानी भरा रह सकता है और उसके आगे और कड़ाई किए जाने की उम्मीद है। रिपोर्ट में उम्मीद जतायी गई है कि अगस्त में रिजर्व बैंक एक बार फिर नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर सकता है। 

Supreet Kaur

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