मालदीव की तर्ज पर पर अब भारत के आइलैंड पर भी बनेंगे वाटर विला, 1500 करोड़ रुपए होंगे खर्च

Monday, Nov 18, 2019 - 12:07 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। सरकार ने देश के द्वीपों पर वाटर विला बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए थिंक टैंक नीति आयोग ने 1500 करोड़ रुपए की लागत का एक नया प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत मालदीव की तर्ज पर भारत में भी वाटर विला का निर्माण किया जाएगा।

कई सुविधाएं होंगी मौजूद
इन वाटर विला का निर्माण लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के समुद्री तटों पर किया जाएगा। इन विला के निर्माण के साथ यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास किया जाएगा। इसमें नए एयरपोर्ट का निर्माण, वाटर विला तक जाने के लिए सी-प्लेन, हेलीकॉप्टर सेवा में बढ़ोतरी और तैरने वाली जैट्टी शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इन सभी प्रोजेक्ट का निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का मुख्य आइडिया भारत को मुख्य पर्यटन स्थल बनाना है।

बनेंगे 585 कमरे
नीति आयोग ने लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कुल 585 कमरों के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें लक्षद्वीप के मिनिकॉय, सुहेली और कादमत द्वीप पर वाटर विला के तहत 125 कमरों का निर्माण किया जाएगा। वहीं अंडमान एंड निकोबार के लॉन्ग द्वीप, एवीज द्वीप, स्मिथ द्वीप और शहीद द्वीप पर लैंड विला के 460 कमरों का निर्माण किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि समझौता लगभग पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में इन विला का निर्माण शुरू हो जाएगा। इन प्रोजेक्ट में 50 से 75 साल के लिए निवेश किया जाएगा, जिससे 30 से 40 फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद है। 

 

Supreet Kaur

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