अमरीका के कुल नकदी रिजर्व के पार हुआ Berkshire Hathaway के पास पड़ा धन, Apple में घटाई हिस्सेदारी
punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2024 - 02:00 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः दुनिया के मशहूर निवेशक वॉरेन बफे (Warren Buffett) की कंपनी बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) इंक ने एप्पल में करीब 50 फीसदी हिस्सेदारी घटा दी है। इस निर्णय के बाद, इतिहास में पहली बार बर्कशायर हैथवे के पास अमेरिका के कुल नकदी रिजर्व से अधिक नकदी हो गई है।
Apple के शेयरों की भारी बिकवाली के कारण वॉरेन बफे के पास मौजूद नकदी 276.9 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में हैथवे ने कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेची है। कंपनी ने शनिवार को कहा था कि उस दौरान उसने 75.5 अरब डॉलर के शेयर बेचे। हालांकि हैथवे ने यह नहीं बताया कि एप्पल के कितने के शेयर बेचे। यह शेयर ऐसे समय बेचे गए, जब अमरीकी शेयर बाजार ने रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ था।
हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से जुड़े शेयरों की रैली खत्म होने की आशंका से पिछले 3 हफ्तों से इंडेक्स लगातार गिरावट के साथ बंद हुआ। अमरीकी अर्थव्यवस्था से जुड़ी चिंताओं के कारण शुक्रवार को अमरीकी बाजार इंडेक्स में 1.8 फीसदी की गिरावट आई थी। बर्कशायर ने बैंक ऑफ अमरीका में भी अपनी हिस्सेदारी में 8.8 फीसदी की कटौती की है।
किस देश के पास कितनी नकदी
चीन | 35,82,000 |
जापान | 18,27,180 |
स्विटजरलैंड | 7,95,438 |
भारत | 6,70,857 |
रूस | 6,11,300 |
ताइवान | 5,68,107 |
सऊदी अरब | 4,55,205 |
हांगकांग | 4,25,153 |
द.कोरिया | 4,19,360 |
मैक्सिको | 3,64,192 |
सिंगापुर | 3,57,345 |
बाजील | 3,52,705 |
जर्मनी | 3,39,800 |
अमरीका | 2,42,681 |
आंकड़े मिलियन डॉलर में
कंपनी के पास हैं 40 करोड़ शेयर
बर्कशायर ने 2016 में पहली बार एप्पल में अपनी हिस्सेदारी का खुलासा किया था। इसके बाद कंपनी ने 2021 में बताया कि उसके पास एप्पल के 90.8 करोड़ शेयर हैं, जिसे उसने सिर्फ 31.1 बिलियन डॉलर में खरीदा। जून तिमाही के अंत में उसके पास एप्पल के करीब 40 करोड़ शेयर बचे थे, जिनकी कीमत 84.2 बिलियन डॉलर है।
क्यों बेचनी पड़ी हिस्सेदारी
बफे ने मई में शेयरधारकों की बैठक में कहा था कि उसने अमरीकन एक्सप्रेस कंपनी और कोका-कोला में भी निवेश किया है, लेकिन एपल इन दोनों के मुकाबले बेहतर बिजनेस वाली कंपनी है। उन्होंने कहा था कि एपल उनके पोर्टफोलियो की टॉप होल्डिंग्स कंपनी बनी रहेंगी। हालांकि अब लगता है कि टैक्स से जुड़े मुद्दों के कारण बर्कशायर को अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी है।