माल्या के खिलाफ कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है ईडी

Tuesday, Apr 12, 2016 - 09:33 AM (IST)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) शराब व्यवसायी विजय माल्या के 900 करोड़ रुपए के आई.डी.बी.आई. ऋण धोखाधड़ी मामले में अपने समक्ष उपस्थित नहीं होने को लेकर उनके खिलाफ ‘उपयुक्त’ कार्रवाई पर विचार कर रहा है। इसमें माल्या के पासपोर्ट को रद्द करना शामिल है।  

अधिकारियों ने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। एेसा समझा जाता है कि ई.डी. या तो माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने को लेकर मुंबई में अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है या विदेश मंत्रालय के अधीन आने वाले पासपोर्ट प्राधिकरण को पत्र लिखकर पासपोर्ट रद्द करने को कह सकता है।  

माल्या के 9 अप्रैल को तीसरी बार जांच एजैंसी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं होने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय का मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय अगले कदम को लेकर कानूनी दस्तावेज तैयार कर रहा है। माल्या ने पिछले सप्ताह मामले में जांच अधिकारी (आई.आे.) को सूचित किया कि वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना बयान देने में असमर्थ हैं। उन्होंने ऋण मामले के निपटान के लिए उच्चतम न्यायालय में जारी कानूनी कार्यवाही का हवाला दिया।   

हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी कानूनी टीम ई.डी. को जांच आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है। एजैंसी ने माल्या को ताजा समन जारी कर उन्हें 9 अप्रैल को उपस्थित होने को कहा था। इससे पहले उन्हें 18 मार्च तथा 2 अप्रैल को ई.डी. के समक्ष उपस्थित होना था लेकिन आधिकारिक कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने उपस्थित होने के लिए समय मांगा था।  

इससे पहले, ई.डी. अधिकारियों ने कहा था कि अगर आरोपी 3 बार समन जारी होने पर उपस्थित नहीं होता है ई.डी. पासपोर्ट रद्द कर सकता है या गैर-जमानती वारंट जारी कर सकता है। मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत समन जारी करने की यह अधिकतम सीमा है। इससे पहले, ई.डी. अधिकारियों ने संकेत दिया था कि माल्या को 9 अप्रैल का समन संभवत: आखिरी हो सकता है। शराब कारोबारी विभिन्न बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए के अधिक के कर्ज नहीं लौटाने को लेकर कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। न्यायालय ने माल्या को देश और विदेश में अपने और परिवार के नाम पर जो भी संपत्ति है, उसका खुलासा 21 अप्रैल तक करने को कहा है। 

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