लोन की रीफाइनेंसिंग के लिए Vi कर रही बैंकों के साथ चर्चा, ये बैंक हैं शामिल

Monday, Feb 13, 2023 - 10:54 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः वोडाफोन आइडिया (Vi) ने 3,000-4,000 करोड़ रुपए के लोन को रीफाइनेंस करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और HDFC बैंक जैसे बड़े लेंडर्स के साथ नए सिरे से बातचीत शुरू की है। वास्तव में कुछ लोन के रीफाइनेंस से वीआई को इंडस टॉवर्स जैसी टॉवर कंपनियों और एरिक्सन और नोकिया जैसे नेटवर्क कंपोनेंट मेकर्स के बकाए का भुगतान करने में मदद मिलेगी।

आगे बढ़ने में मिलेगी मदद

पेंडिंग पेमेंट्स ने कंपनी की 5G कंपोनेंट सप्लाई टाइअप और नेक्स्ट जेन सर्विस को लॉन्च करने के लिए आवश्यक टॉवर साइट एग्रीमेंट्स को अंतिम रूप देने की प्लानिंग को स्पीड दी है। पिछले साल राइवल कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटे ने अक्टूबर में 5G सर्विस को शुरू कर अपने कदम आगे की ओर बढ़ा दिए हैं। नई वार्ता वोडाफोन आइडिया के एजीआर ड्यूज के लिए अर्जित ब्याज को सरकारी इक्विटी में परिवर्तित करने के तुरंत बाद आई है। ट्रांजेक्शन 7 फरवरी से प्रभावी रूप से पूरा हो गया था। सरकार अब 33.44 फीसदी हिस्सेदारी के साथ कंपनी की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है।

नया लोन मिलने की संभावना नहीं

एक सीनियर बैंकर ने कहा कि वोडाफोन आइडिया कुछ बैंक लोन को वापस लेने की मांग करने वाले लेंडर्स के साथ नए सिरे से बात कर रहा है, उन्होंने अभी तक फोर्मल रीफाइनेंस प्रपोजल सामने नहीं रखा है। लोन रीपेमेंट शर्तों में नरमी के लिए भी चर्चा चल रही है। बैंकर ने यह भी कहा कि Vi के लेंडर्स के अभी तक नए लोन का विस्तार करने की संभावना नहीं है, क्योंकि इससे संभावित रूप से घाटे में चल रही टेलीकॉम कंपनी की पहले से ही कमजोर बैलेंस शीट पर दबाव पड़ेगा, जिसमें सितंबर 2022 तक 2.2 लाख रुपए करोड़ का कर्ज और अंत में सिर्फ 190 करोड़ का कैश बैलेंस शामिल है। प्रोसेस में शामिल एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि रीफाइनेंस प्रपोजल पर विचार किया जा सकता है, क्योंकि बैंक नए लोन नहीं दे रहे हैं।

5 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर सकते हैं प्रमोटर्स

सितंबर 2023 में वोडाफोन आइडिया को 9,600 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। यह ऑपरेटर की कैपिटल एक्सपेंडिचर कैपेसिटी को और सीमित कर सकता है, जब तक कि मौजूदा बैंक लोन का जल्द ही रीफाइनेंस नहीं हो जाता। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि वीआई के को-ओनर्स – यूके के वोडाफोन और भारत का आदित्य बिड़ला ग्रुप– ने टेलीकॉम कंपनी में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। दोनों थर्ड पार्टी इंवेस्टर्स को इक्विटी लेने के लिए भी मना सकते हैं। अभी तक कंपनी और ना ही बैंकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

jyoti choudhary

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