सब्जियों के दाम गिरने से खरीदार खुश, विक्रेता हुए परेशान

Friday, Dec 30, 2016 - 04:24 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी के चलते सब्जियों के दाम अचानक काफी गिर गए हैं। इससे खरीदारों की चांदी हो गई है। कीमतों की गिरावट के लिए सिर्फ सर्द मौसम ही नहीं, बल्कि नोटबंदी भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। खुदरा बाजार से लेकर थोक तक सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई है। सब्जी विक्रेताओं की मानें तो नोटबंदी से पहले सब्जियों की जो कीमत थी, आज उसमें 50-60 फीसदी गिरावट आ गई है। दरअसल, कैश की कमी के चलते लोग सस्ती सब्जियों को भी कम ही खरीद रहे हैं। खरीदार की इस सहूलियत के बीच विक्रेता, दुकानदारों और व्यापारियों के चेहरे फीके पड़ गए हैं, क्योंकि उन्हें रोजगार में नुकसान झेलना पड़ रहा हैं।

इसलिए जल्द बेची जा रही हैं सब्जियां
विक्रेताओं को सब्जियों के सस्ती होने के कारण ज्यादा मात्रा में मौजूद सब्जियों के खराब होने का डर सताने लगा है। इससे वे इसे कम कीमत पर जल्दी बेचना चाहते हैं। मंडी में किसान भी इसे औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो गए हैं। खुदरा विक्रेता भी इसकी जल्द बिक्री करने के लिए कीमतों को कम कर रहे हैं। अब सब्जियों की कीमत आधी से भी कम रह गई है।

जमाखोरी से नुकसान
नोटबंदी के इस दौर में सब्जियों की जमाखोरी और कालाबाजारी के धंधे भी चौपट होते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा करने वालों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। सबसे खराब स्थिति मार्कीट में आलू की है, क्योंकि नए आलू के आने से पुराने आलू की जमाखोरी भी नुकसान का सौदा बन गया है। ऐसे में कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू जरूरतमंद लोगों को मुफ्त बांटे जाने लगे हैं। नोटबंदी के कारण पैदा हुई कैश की किल्लत से किसानों को उनकी फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। बाजार में सब्जी भरपूर मात्रा में है और कीमतें भी कम हैं।

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