सब्जियों के खुदरा व्यापारियों ने बढ़ाए दाम: एसोचैम

Sunday, Aug 14, 2016 - 11:06 AM (IST)

नई दिल्लीः आलू, पत्तागोभी, हरी मिर्च, टमाटर, फूलगोभी, बैंगन और भिन्डी के भावों में इस वर्ष अप्रैल से जुलाई के दौरान कम आवक के कारण भारी तेजी रही और इसका भरपूर लाभ किसानों के बजाय खुदरा व्यापारियों ने उठाया। उद्योग संगठन एसोचैम ने एक अध्ययन के हवाले से कहा है कि सब्जियों के मूल्य में आई तेजी का लाभ किसानों को नहीं मिला बल्कि थोक मंडी से कम कीमत में खरीद करने वाले खुदरा व्यापारियों ने इसका पूरा लाभ उठाया।  

 

अध्ययन में बताया गया है कि आलू के खुदरा भाव इस दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ गए। इसी अवधि में पत्तागोभी 49.3 प्रतिशत, हरी मिर्च 47.5 प्रतिशत, लहसुन, 37 प्रतिशत, फूलगोभी 33.9 प्रतिशत, टमाटर 26 प्रतिशत, आलू नया 25 प्रतिशत, भिन्डी 22.3 प्रतिशत और बैंगन गोल 22.5 प्रतिशत चढ़े हैं।  

 

विभिन्न मंडियों में किए गए अध्ययन में कहा गया है कि सब्जियों की पैदावार ठीक-ठाक होने के बावजूद मंडियों में इनकी आवक कम रही। खुदरा और थोक भावों में भारी अंतर देखा गया। अखिल भारतीय स्तर पर लिए गए औसत के अनुसार खुदरा व्यापारी उपभोक्ताओं से थोक भावों की तुलना में 52.7 प्रतिशत अधिक वसूल रहे थे। 

 

गोल बैंगन और टमाटर के भाव 75 प्रतिशत अधिक लिए जा रहे थे। देश के अन्य भागों की तुलना में मुंबई, दिल्ली और पटना में खुदरा व्यापारी सब्जियों में 50 प्रतिशत से अधिक का मुनाफा कमा रहे थे। भंडारण और परिवहन का बुनियादी ढांचा कमजोर होने के कारण साग सब्जियों के खराब होने की दर भी बढ़ रही है। चूंकि सब्जियां जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं हैं इसलिए कीमतें बढऩे का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है।  

 

अध्ययन में कहा गया है कि सरकार को शीत भंडारण गृह बनाने के लिए निजी क्षेत्र की सहायता लेनी चाहिए। इसके अलावा एक ऐसा ढांचा भी विकसित करने की जरूरत है जो खेत, किसान और बाजार के बीच पुल का काम कर सके। बरसात के शुरू होने पर मुख्य रूप से बेल वाली सब्जियों को अधिक नुकसान होता है और इनके मूल्य आसमान छूने लगते हैं। इस बार कई क्षेत्रों में अधिक वर्षा होने से भी सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है।

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