जुलाई में वनस्पति तेल का आयात 26% बढ़कर 14.12 लाख टन
punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2019 - 05:14 PM (IST)
नई दिल्लीः रिफाइंड पाम तेल का आयात बढ़ने से जुलाई महीने में वनस्पति तेलों का आयात 26 प्रतिशत बढ़कर 14.12 लाख टन पर पहुंच गया। यह मई 2013 के बाद का उच्चतम स्तर है। उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एक बयान में कहा कि वनस्पति तेलों (खाद्य और अखाद्य) का आयात पिछले साल जुलाई में 11.19 लाख टन का हुआ था। उसने कहा कि खाद्य तेलों का आयात 10.53 लाख टन से बढ़कर 13.47 लाख टन पर पहुंच गया जबकि अखाद्य तेलों का आयात 65,259 टन से घटकर 64,119 टन रह गया।
नवंबर 2018 से जुलाई 2019 की अवधि के दौरान, वनस्पति तेलों का समग्र आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि में 107.6 लाख टन के मुकाबले पांच प्रतिशत बढ़कर 112.8 लाख टन हो गया। तेल विपणन वर्ष नवंबर से शुरू होकर अक्टूबर तक चलता है। एसईए ने कहा कि आरबीडी पामोलिन का आयात मई 2013 के बाद से उच्चतम स्तर पर हुआ है।
एसईए ने कहा, ‘‘भारत-मलेशिया सीईसीए समझौते के तहत पामोलिन के लिए मलेशिया को दिए गए कर छूट के कारण, एक 1 जनवरी, 2019 से मलेशिया से प्राप्त किये जाने वाले कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और पामेलीन के बीच शुल्क अंतर 10 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत रहने के बाद देश में आरबीडी पामोलिन की बाढ़ आ गई है।'' इसमें कहा गया है कि इस स्थिति ने सीपीओ के घरेलू रिफाइनरों के काम को गंभीरता से प्रभावित किया है।
चालू तेल वर्ष में जुलाई तक, रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलिन) का आयात पिछले तेल वर्ष की समान अवधि 14.95 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 20.9 लाख टन हो गया। इसके विपरीत, कच्चे तेल (पाम व अन्य) का कुल आयात 89.58 लाख टन से घटकर 87.13 लाख टन रह गया। एसईए ने कहा, ‘‘दिसंबर 2018 के दौरान, कुल आयात में, रिफाइंड (आरबीडी पामोलिन) का हिस्सा सिर्फ 10 फीसदी था, जो अब जुलाई 2019 में बढ़कर 20 फीसदी हो गया है।'' इसने कहा है कि पिछले एक साल में वैश्विक बाजारों में पाम तेल की कीमतों में 10 से 16 फीसदी तक की कमी आई है।