Ratan Tata Villa: 85 लाख की वैल्यू, 55 करोड़ का ऑफर! बिकने जा रहा रतन टाटा का विला
punjabkesari.in Friday, Nov 28, 2025 - 11:30 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की सेशेल्स स्थित लग्जरी बीच विला की बिक्री की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। यह विला सेशेल्स के सबसे बड़े द्वीप माहे पर स्थित है। टाटा ने अपनी वसीयत में इस प्रॉपर्टी को अपने सिंगापुर स्थित फंड RNT Associates के नाम किया था, जो भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश करता है।
शुरुआत में इस विला की कीमत लगभग 85 लाख रुपए आंकी गई थी लेकिन सूत्रों के अनुसार बंद हो चुकी टेलीकॉम कंपनी एयरसेल के संस्थापक सी. शिवशंकरन तथा उनके परिवार/साथियों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है और 6.2 मिलियन डॉलर (करीब 55 करोड़ रुपए) की पेशकश की है।
इस बारे में पूछे जाने पर शिवशंकरन ने कहा, "मुझे नहीं पता आप किस बारे में बात कर रहे हैं।" सूत्रों का कहना है कि बातचीत जरूर हुई है, पर अभी कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ है। दिलचस्प बात यह रही कि सेशेल्स के नागरिक बन चुके शिवशंकरन ने ही रतन टाटा को यह प्रॉपर्टी खरीदने में मदद की थी। सेशेल्स में गैर-नागरिकों को प्रॉपर्टी खरीदने की इजाजत नहीं होती लेकिन टाटा को उद्योग और परोपकार में योगदान के चलते विशेष छूट दी गई थी।
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सेशेल्स से टाटा ग्रुप का पुराना रिश्ता
टाटा मोटर्स और सेशेल्स के संबंध दशकों पुराने हैं। 1982 में सेशेल्स ने टाटा मोटर्स के सम्मान में एक विशेष डाक टिकट जारी किया था। बाद में इंडियन होटल्स (ताज) ने डेनिस आइलैंड प्रॉपर्टी का मैनेजमेंट भी संभाला था। हालांकि फिलहाल टाटा ग्रुप की वहां कोई सक्रिय बिज़नेस गतिविधि नहीं है।
टाटा-शिवशंकरन की दोस्ती
हाल ही के एक इंटरव्यू में 69 वर्षीय शिवशंकरन ने रतन टाटा के साथ अपने गहरे रिश्ते को याद किया। उन्होंने बताया कि वे सात साल तक हर सुबह 7:15 बजे, मुंबई की बख्तावर बिल्डिंग में स्थित रतन टाटा के घर जाते थे।
एक घटना याद करते हुए शिवशंकरन ने कहा कि सिंगापुर से सेशेल्स की फ्लाइट में इंजन फेल होने के बावजूद रतन टाटा पूरी तरह शांत रहे और बोले—"पायलटों को अपना काम करने दो।" दोस्ती के चलते ही शिवशंकरन ने टाटा ग्रुप के टेलीकॉम वेंचर में भी निवेश किया था।
कमाई का बंटवारा कैसे होगा?
अगर यह प्रॉपर्टी डील फाइनल हो जाती है, तो इससे होने वाली कमाई को रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट के बीच बराबर बांटा जाएगा। यह व्यवस्था बॉम्बे हाई कोर्ट के 16 जून 2025 के आदेश के तहत तय हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक ऑफर की गई कीमत और मूल वैल्यूएशन में बड़ा अंतर दर्शाता है कि खरीदार पक्ष इसे अधिक कीमत पर लेने को तैयार है। शिवशंकरन के बेटे सरवन शिवशंकरन (41), जो मारलो टेक्नोलॉजीज के फाउंडर हैं, भी बातचीत का हिस्सा हैं। परिवार की यह भी इच्छा है कि विला पर कोई टैक्स बकाया या अधूरा निर्माण न हो।
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डील पर संकट क्यों?
सबसे अहम सवाल यह है कि डील पूरी कैसे होगी, क्योंकि शिवशंकरन वर्तमान में सेशेल्स सुप्रीम कोर्ट में दिवालियापन की प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं। उनका कहना है—"मेरा मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुनवाई के बाद मुझे मेरे पैसे वापस मिल जाएंगे।"
एक समय शिवशंकरन की नेटवर्थ 4 अरब डॉलर से ज्यादा रही है। उन्होंने स्टर्लिंग कंप्यूटर्स, डिशनेट DSL और फ्रेश एंड ऑनेस्ट कॉफी चेन जैसे कई सफल बिजनेस खड़े किए थे। उन्होंने खुद कहा—"मैं गरीब नहीं हूं… भारत में लोग सोचते हैं मैं गरीब हूं, नहीं… मैं कंगाल हूं।"
