GST: इस्तेमाल ही नहीं ATM मशीन लगाना भी हुआ महंगा

Wednesday, Jul 05, 2017 - 10:37 AM (IST)

मुंबई: जी.एस.टी. के बाद देश में ए.टी.एम. का इस्तेमाल ही नहीं बल्कि ए.टी.एम. मशीन लगाना भी महंगा हो गया है। देश में वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) 30 जून की मध्यरात्रि से लागू हो गया है। इसमें ऑटोमैटिक टैलर मशीन (ए.टी.एम.) को 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में रखा गया है। ऐसे में ए.टी.एम. मशीन लगाना अब महंगा हो गया है।

उद्योग की मुश्किलें बढ़ेंगी
इन मशीनों के महंगा होने के कारण छोटे बैंक और स्मॉल फाइनांस बैंक जिन्हें हाल ही में लाइसैंस मिला है वे ए.टी.एम. लगाने की गति को धीमा कर सकते हैं। इससे उद्योग की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस और अन्य डिजीटल पेमैंट संबंधित हार्डवेयर को 18 प्रतिशत जी.एस.टी. स्लैब में रखा गया है। इस स्लैब में ए.टी.एम. को रखना चाहिए था। कॉन्फिड्रेशन फार ए.टी.एम. इंडस्ट्री (सी.ए.टी.एम.आई.) कम्पनियों की इंडस्ट्री एसोसिएशन जो ए.टी.एम. मशीन इंस्टाल और मैनेज करती है, जी.एस.टी. काऊंसिल, राजस्व सचिव और वित्त मंत्रालय के समक्ष इस मुद्दे को उठाएगी तथा उससे ए.टी.एम. मशीनों की जी.एस.टी. दर को रिवाइज करने का अनुरोध करेगी। ट्रांसैक्ट टैक्नोलॉजी के मैनेजिंग डायरैक्टर रवि गोयल जो देश में ए.टी.एम. मशीन इंस्टाल और मैनेज करते हैं, का कहना है कि एक उद्योग के तौर पर हम सरकार के पास जाकर निवेदन करेंगे कि इसकी लागत अन्य पेमैंट टर्मिनल के अनुरूप कर दी जाए, नहीं तो टर्मिनल की कॉस्ट में 7 से 8 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाएगी।

बैंकिंग सेवाएं भी हुई महंगी
उल्लेखनीय है कि केवल ए.टी.एम. मशीनों की कीमत ही नहीं बढ़ाई गई है बल्कि ए.टी.एम. सेवाएं भी महंगी हो गई हैं। जी.एस.टी. से पहले इनकी दर 15 प्रतिशत थी जो अब 18 प्रतिशत हो गई है। ये सर्वसिंग चार्ज, एनुअल मैंटीनैंस कांट्रैक्ट्स पर लागू होंगी जिनकी कीमत बैंक उठाता है। गोयल ने बताया कि बैंकों के लिए सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे अब इनपुट टैक्स क्रैडिट का भी दावा कर सकते हैं, इससे उनके व्यवसाय में मदद मिलेगी और कैश फ्लो में भी सुधार आएगा।

Advertising