अमेरिकी शुल्क से घरेलू इस्पात उद्योग पर सीधा असर नहीं: इस्पात सचिव

punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 01:57 PM (IST)

नई दिल्लीः इस्पात सचिव संदीप पौंड्रिक ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी शुल्क का घरेलू इस्पात उद्योग पर सीधा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारत में इस मिश्र धातु की खपत बढ़ रही है। इसके अलावा, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने राष्ट्रीय राजधानी में 'एफटी लाइव एनर्जी ट्रांजिशन समिट इंडिया' के एक सत्र में कहा कि कुल 15.2 करोड़ टन उत्पादन में से अमेरिका को इस्पात का निर्यात लगभग एक लाख टन है। 

पौंड्रिक ने अमेरिकी शुल्क से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इसलिए, अगर हम इस्पात पर सीधे प्रभाव की बात करें, तो यह ज्यादा नहीं है क्योंकि व्यावहारिक रूप से हम अमेरिका को अधिक इस्पात का निर्यात नहीं करते हैं।'' पिछले साल, भारत का अमेरिका को कुल इस्पात निर्यात लगभग 1,00,000 टन था। इसी तरह, भारत अमेरिका से ज्यादा इस्पात का आयात नहीं करता है।'' उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच इस्पात का व्यापार सीधा नहीं है। 

हालांकि, पौंड्रिक ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार किए जाने वाले इस्पात उत्पादों के कारण कुछ अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ सकता है। पिछले वर्ष इस्पात का घरेलू उत्पादन लगभग 15.2 करोड़ टन था, और भारत दुनिया का एकमात्र देश है जो इस्पात उत्पादन में बहुत तेज वृद्धि दर्ज कर रहा है। वास्तव में, पिछले तीन वर्षों में, इस क्षेत्र में सालाना लगभग 12 प्रतिशत की औसत दर से वृद्धि हुई है। यह मजबूत घरेलू वृद्धि अकेले ही भारतीय इस्पात उत्पादकों को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन प्रदान करती है।

उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्ष देश का इस्पात निर्यात लगभग 45 लाख टन था, जो कुल घरेलू उत्पादन का केवल लगभग तीन प्रतिशत है। इसलिए, निर्यात इस्पात उत्पादन में मूल्यवर्धन तो करता है, लेकिन घरेलू उत्पादकों के लिए यह कोई विशेष रूप से महत्वपूर्ण कारक नहीं है, क्योंकि देश के भीतर खपत वृद्धि ही इस्पात क्षेत्र को व्यवहार्य बनाए रखने के लिए पर्याप्त है। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News