अमेरिकी प्रतिबंधों से रूस की तेल सप्लाई पर असर, भारत के लिए राहत की उम्मीद
punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2025 - 11:28 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः रूस की प्रमुख तेल कंपनियां Gazprom Neft और Surgutneftegas और उनके साथ जुड़े 183 रूसी क्रूड ऑयल जहाजों पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने भारत में कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ गई है। हालांकि, वैश्विक बाजार में ओवरसप्लाई और अमेरिका सहित अन्य उत्पादक देशों से बढ़ती आपूर्ति के चलते भारत पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना कम है। ओवरसप्लाई की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो सकती है, जो फिलहाल 80 डॉलर प्रति बैरल से अधिक है। यह भारत के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि देश अपनी कच्चे तेल की 88% जरूरतों को आयात के जरिए पूरा करता है।
यूक्रेन युद्ध के बीच रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका ने पिछले शुक्रवार को रूसी कंपनियों और उनके तेल टैंकरों पर प्रतिबंध लगा दिया। इनमें से अधिकांश जहाज रूस से भारत और चीन को क्रूड सप्लाई कर रहे थे। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारतीय पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आने वाले दो महीनों तक तेल की आपूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि बड़ी मात्रा में तेल पहले ही लोड हो चुका है। इसके साथ ही भारत आने वाले तेल को लेकर नई व्यवस्थाओं की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं, जबकि रूस भी इस स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक समाधान ढूंढ सकता है।
तेल की कीमत
इस बीच, यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने अनुमान जारी किया है कि 2025 में क्रूड ऑयल का औसत भाव 74 डॉलर प्रति बैरल और 2026 में 66 डॉलर तक जा सकता है। उसने कहा है कि 2025 में दुनिया में तेल का उत्पादन 10.44 करोड़ बैरल प्रतिदिन पहुंच सकता है लेकिन डिमांड 10.41 करोड़ बैरल प्रतिदिन तक ही रह सकती है। OPEC देशों की ओर से सप्लाई कट घटाने और अमेरिका सहित नॉन-ओपेक देशों में प्रोडक्शन बढ़ने से सप्लाई और बढ़ेगी। इसके चलते आने वाले वर्षों में कीमत पर दबाव आएगा।