टेलीकॉम सेक्टर वेंटिलेटर पर, तत्काल इलाज की जरूरतः COAI

Friday, Jul 26, 2019 - 10:35 AM (IST)

नई दिल्लीः सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन मैथ्यूज का कहना है कि टेलीकॉम सेक्टर वेंटिलेटर पर पहुंच गया है और इस सेक्टर को तत्काल इलाज की जरूरत है। उनका कहना है कि टेलीकॉम सेक्टर की दयनीय स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो साल से भी कम अवधि में टेलीकॉम सेक्टर की लिस्टेड कंपनियों के बाजार पूंजीकरण का आकार काफी कम हो गया है।

सेक्टर दे रहा 100 अरब रुपए का योगदान
23 जुलाई, 2019 को यह आकार 2.03 लाख करोड़ रुपए का रह गया जबकि 29 दिसंबर, 2017 को यह आकार 2.59 लाख करोड़ रुपए का था। यानी कि इन कंपनियों से जुड़े स्टेकहोल्डर्स लगातार अपनी हिस्सेदारी को कम कर रहे हैं और अपनी पूंजी निकाल रहे हैं। मैथ्यूज के मुताबिक टेलीकॉम सेक्टर के सरकारी योगदान में पिछले कुछ साल में कमी आई है, लेकिन अब भी यह सेक्टर सरकार को 100 अरब रुपए का योगदान दे रहा है। मैथ्यूज के मुताबिक टेलीकॉम सेक्टर अपनी बदहाली को दूर करने के लिए सरकार से कोई ग्रांट या मदद नहीं मांग रहा है। यह सेक्टर उन परिस्थितियों से सम्मानजनक निवारण चाहता है जिनकी वजह से इस सेक्टर का बुरा हाल हुआ। किसी समय में भारी संख्या में रोजगार सृजन करने वाला यह क्षेत्र फिलहाल खुद को बचाने की राह देख रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखेगा असर
मैथ्यूज के मुताबिक टेलीकॉम सेक्टर को अपने विकास के लिए सरकार से एक स्पष्ट रोडमैप की जरूरत है। इस रोडमैप को बनाने से पहले रेगुलेटर से सलाह लेने की जरूरत है और उन वास्तविकताओं को भी परखने की आवश्यकता है जिनके कारण सेक्टर की बदहाल हो गया। मैथ्यूज के मुताबिक अभी टेलीकॉम सेक्टर के लिए सबसे जरूरी चीज है कि इसकी बीमारी का सही पता लगाया जाए, इलाज के लिए सही दवा दी जाए और तत्काल रूप से इलाज शुरू हो। अगर ऐसा नहीं होता है तो टेलीकॉम जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर के दिक्कत में आने का असर निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखेगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर ले जाना चाहते हैं।

Supreet Kaur

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