मोदी के डिजिटल अभियान में बड़ा योगदान दे रहा है UPI

Wednesday, Apr 05, 2017 - 02:20 PM (IST)

नई दिल्लीः डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यू.पी.आई.) अहम रोल अदा कर रहा है। यू.पी.आई. के जरिए होने वाले लेनदेन में अच्छी बढ़ौतरी हुई है। यू.पी.आई. के जरिए मार्च में लगभग 2,000 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शंस हुए हैं जबकि जनवरी में इससे 1,660 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शंस हुए थे। इसे सरकार के भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम), फोनपे और ट्रूपे जैसे नॉन-बैंक ऐप्लिकेशन से काफी मदद मिल रही है।

यू.पी.आई. पर रोजाना हो रहे हैं 2 लाख ट्रांजैक्शंस
नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ए.पी. होता ने बताया, 'हमारे पास यू.पी.आई. पर पहले ही 44 बैंक हैं। इनमें से 35 बैंकों के पास प्ले स्टोर पर उनके ऐप्लिकेशंस हैं। भीम के जरिए रोजाना लगभग 80,000 ट्रांजैक्शंस हो रहे हैं और पूरे यू.पी.आई. प्लेटफॉर्म पर लगभग 2 लाख ट्रांजैक्शंस दर्ज किए जा रहे हैं।' यू.पी.आई. पर 90 फीसदी ट्रांजैक्शंस पेमेंट्स के जरिए हो रहे हैं। हालांकि, 'भारत क्यू.आर.' और 'यूपीआई@ पीओएस' के पूरी तरह काम करने के बाद मर्चेंट ट्रांजैक्शंस की संख्या में काफी बढ़ौतरी की उम्मीद है।

ट्रांजैक्शंस का बड़ा हिस्सा नॉन-बैंक एप्लिकेशंस से 
होता ने बताया कि उन्होंने पहले ही रिलायंस रिटेल के साथ प्वाइंट ऑफ सेल्स टर्मिनल्स पर यू.पी.आई.ट्रांजैक्शंस के लिए करार किया है और यू.पी.आई. के जरिए पेमेंट्स स्वीकार करने के लिए और मर्चेंट्स को जोड़ने की योजना बना रहे हैं।' इससे पता चलता है कि मोबाइल वॉलेट्स मर्चेंट पेमेंट सेगमेंट में रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हैं। इस सेगमेंट में मार्च में 1,800 करोड़ रुपए से कम के ट्रांजैक्शंस दर्ज किए गए, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 2,100 करोड़ रुपए का था। बैंकों ने अपने यू.पी.आई. ऐप्स लांच किए हैं, लेकिन इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ट्रांजैक्शंस का बड़ा हिस्सा फोनपे और ट्रूपे जैसे नॉन-बैंक एप्लिकेशंस से आ रहा है।

 

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