फ्लैट खरीदने वालों को लौटाने के लिए पैसे नहीं हैं: पार्श्वनाथ डिवेलपर्स

Saturday, Aug 27, 2016 - 11:43 AM (IST)

नई दिल्लीः यूनिटेक के बाद अब रियल एस्टेट कंपनी पार्श्वनाथ डिवेलपर्स ने भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष घर खरीदने वालों के पैसे लौटाने में असमर्थता जाहिर की। कंपनी ने प्रॉजेक्ट पूरा करने के लिए कोर्ट से एक साल का वक्त और मांगा। पार्श्वनाथ डिवेलपर्स तय वक्त पर खरीदारों को फ्लैट का पजेशन देने में नाकाम रहा था।

 

कंपनी ने साल 2007 में गाजियाबाद में एग्जॉटिका प्रॉजेक्ट शुरू किया था। उस वक्त कंपनी ने खरीदारों से वादा किया था कि उन्हें 2011 तक फ्लैट्स का पजेशन दे दिया जाएगा। इस प्रॉजेक्ट में 800 से ज्यादा परिवारों ने पैसे लगाए थे लेकिन अब तक उन्हें उनका फ्लैट नहीं दिया गया है। इसके बाद 70 खरीदारों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई। जिस पर नैशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन (NCDRC) ने कंपनी को सभी खरीदारों के पैसे ब्याज सहित लौटाने का निर्देश दिया था।

 

कंज्यूमर कोर्ट के आदेश के बाद कंपनी ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कंपनी ने कोर्ट के सामने आर्थिक समस्याओं का हवाला दिया और खरीदारों के पैसे वापस करने में असमर्थता जाहिर की। इसने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि अगले एक साल के भीतर प्रॉजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा और खरीदारों को फ्लैट का पजेशन भी दे दिया जाएगा।पार्श्वनाथ डिवेलपर्स के वकील दुष्यंत दवे कोर्ट में जस्टिस दीपक मिश्रा और सी. नागप्पन के समक्ष हाजिर हुए। उन्होंने जजों से कहा कि कंपनी आर्थिक संकट से जूझ रही है और अगर इसे सभी 800 खरीदारों को ब्याज सहित पैसे लौटाने पड़े तो इसका पूरा बिजनस बर्बाद हो जाएगा।

 

दवे ने जजों से कहा कि वे कुछ ऐसा रास्ता निकालें जिससे ग्राहकों और कंपनी दोनों की समस्या हल हो जाए। उन्होंने कहा कि कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में 400 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था और वह भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रही है। दवे ने कहा,''अगर हमें रिफंड करने को कहा जाएगा तो लोगों में पैसे वापस लेने के लिए भगदड़ मच जाएगी। मैंने कंपनी के चेयरपर्सन ने खुद बात की है और उन्होंने एक साल के अंदर प्रॉजेक्ट पूरा करने का भरोसा दिलाया है।''

 

वहीं खरीदारों की ओर से पेश हुए वकील एमएल लहोटी ने खरीदारों का पैसा वापस कराए जाने पर जोर दिया। उन्होंने बेंच से कहा कि गाजियाबाद डिवेलपमेंट अऑरिटी ने भी प्रॉजेक्ट से मंजूरी हटा ली है। ऐसे में पार्श्वनाथ डिवेलपर्स द्वारा एक साल के भीतर प्रॉजेक्ट पूरा किए जाने की कोई उम्मीद नहीं है। कंपनी के वकील दवे ने कोर्ट से कहा कि वह 12 महीनों के भीतर खरीदारों को फ्लैट सौंपने का वादा किया। उन्होंने कहा,''अगर हम अपना वादा पूरा करने में नाकामयाब होते हैं तो हम अवमानना का सामना करने के लिए तैयार हैं।''

 

हालांकि जजों की बेंच ने कहा कि कंपनी की समस्याओं का हल ढूंढना कोर्ट का काम नहीं है और वे कानून के मुताबिक ही फैसला देंगे।

Advertising