2020 में और बढ़ेगी बेरोजगारी, सैलरी व इंक्रीमैंट भी नहीं

Monday, Dec 23, 2019 - 10:38 AM (IST)

नई दिल्लीः आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट के बीच 2019 में रोजगार बाजार में सुस्ती रही और वर्ष 2020 में भी स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल भी रोजगार बाजार में श्रमबल विस्तार सुस्त रहेगा और साथ ही सैलरी व इंक्रीमैंट भी खास नहीं होगी। इसकी वजह यह है कि कम्पनियां नई नियुक्तियां करने की बजाय मौजूदा कर्मचारियों का कौशल सुधारने पर अधिक ध्यान दे रही हैं।

प्रौद्योगिकी आधारित बदलाव लगातार जारी हैं, ऐसे में कम्पनियां नई नियुक्तियों को लेकर सतर्कता बरत रही हैं। इंडियन स्टाफिंग फैडरेशन की अध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि रोजगार की दृष्टि से 2020 स्थिर रहेगा या उसमें मामूली सुधार होगा। सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक संकेत अभी रफ्तार पकड़ नहीं पाए हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि उपभोग और निवेश में बढ़त होती है या नहीं। यदि बढ़त होती है तो हम रोजगार में भी वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं।

कम हुई उद्योगों की संख्या 
यदि उद्योगों की बात की जाए जिन संगठनों में रोजगार बढ़ा है उनकी संख्या कम हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में सही लोगों की जरूरत बनी हुई है। एग्जीक्यूटिव खोज कम्पनी ग्लोबलहंट इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि 2020 की शुरूआती तिमाही अधिक रोमांचक नहीं रहेगी क्योंकि जी.डी.पी. की दर नीचे आई है और कम्पनियां विस्तार को लेकर सतर्कता बरत रही हैं। हालांकि 2020 की दूसरी छमाही रोजगार के अवसरों की दृष्टि से बेहतर रहेगी क्योंकि कम्पनियां नए सिरे से कारोबार विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेंगी। वर्ष 2019 में वाहन, विनिर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में रोजगार सृजन कमजोर रहा। आम चुनाव की वजह से सरकार की नीतियां और पहल करीब दो-तीन माह थमी रहीं। इसके अलावा सीमा पार तनाव की वजह से भी रोजगार बाजार सुस्त रहा।

नियुक्तियों में और कमी आएगी 
मर्सर की प्रिंसीपल-इंडिया प्रोडक्ट लीडर एंड करियर-कंसल्टिंग लीडर (उत्तर, पूर्व और बंगलादेश) नमिता भारद्वाज ने कहा कि नियुक्तियों की दृष्टि से 2020 के लिए हमारा अनुमान है कि इसमें और कमी आएगी। उन्होंने कहा कि प्रतिशत में कम ही कम्पनियों को अपने कार्यबल का विस्तार करने की जरूरत होगी। भारद्वाज ने कहा कि कम्पनियां आंतरिक प्रतिभाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगी। वे यह समीक्षा करेंगी कि उनके पास क्या है तथा संगठन को और क्या जरूरत होगी। वे संगठन की जरूरत के हिसाब से प्रतिभाओं का विकास करेंगी। 

Supreet Kaur

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