सेबी के नए नियमों के तहत मुकेश अंबानी को छोड़ना होगा एक पद!

Monday, Jul 23, 2018 - 09:48 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः चेयरमैन और प्रबंध निदेशक की भूमिका अलग करने के बाजार नियामक सेबी के दिशानिर्देशों के अनुपालन के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और भारती एयरटेल समेत 291 सूचीबद्ध कंपनियां को एक अप्रैल 2020 तक अपने निदेशक मंडल में एक गैर-कार्यकारी चेयरपर्सन की नियुक्त करनी पड़ेगी। वर्तमान में बहुत सी कंपनियों ने सीएमडी (चेयरमैन और प्रबंध निदेशक) के रूप में दोनों पदों का मिला रखा है, जिसके चलते निदेशक मंडल और प्रबंधन में टकराव स्थिति पैदा होती है।



इन कंपनियों में होगा फेरबदल
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए नियमों के मुताबिक शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनियों को एक अप्रैल 2020 तक यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके निदेशक मंडल का प्रमुख कोई गैर-कार्यकारी निदेशक ही हो। इससे चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद अलग अलग हो जाएंगे। ये नियम कंपनी प्रशासन पर सेबी द्वारा गठित कोटक समिति की सिफारिशों का हिस्सा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, ओएनजीसी, कोल इंडिया, लार्सन एंड टुब्रो तथा एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसे प्रमुख कंपनियों को दोनों पदों को अलग-अलग करने की जरूरत है।



करनी होगी महिला निदेशक की नियुक्ति
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मुकेश अंबानी का कार्यकाल कंपनी के प्रबंध निदेशक के रूप में पांच साल के लिए और बढ़ाया है। इसी के साथ वह निदेशक मंडल के चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा आरआईएल, भारती एयरटेल और टीसीएस को एक अप्रैल 2019 तक निदेशक मंडल में कम से कम एक स्वतंत्र महिला निदेशक की भी नियुक्ति करनी होगी। इनके अलावा एचडीएफसी, भारतीय स्टेट बैंक , इंडियन ऑयल और हिंदुस्तान जिंक को भी अगले वर्ष तक स्वतंत्र महिला निदेशक की नियुक्त करने की जरूरत होगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनियों में से कुल 145 कंपनियों (29 प्रतिशत) को एक अप्रैल 2019 तक स्वतंत्र महिला निदेशक की नियुक्ति करनी होगी।      

Supreet Kaur

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