आपकी गाड़ी के लिए बेहतर हैं ट्यूबलैस टायर्स

Monday, Mar 27, 2017 - 10:18 AM (IST)

नई दिल्ली: इन दिनों ट्यूबलैस टायर काफी प्रचलन में हैं। ड्राइविंग के लिहाज से गाड़ियों के टायर अच्छी क्वालिटी के होने चाहिएं। कुछ लोग गाड़ी के टायरों पर ध्यान नहीं देते जिसकी वजह से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। अगर गाड़ी में ट्यूबलैस टायर लगे हों तो इससे सुरक्षा, माइलेज और मैंटीनैंस के साथ-साथ गाड़ी की परफार्मैंस पर भी असर पड़ता है।

क्या है ट्यूबलैस टायर
ट्यूबलैस टायर एक स्पैशल किस्म का टायर है जिनमें अलग से अंदर वाली ट्यूब नहीं होती। टायर खुद ही रिम के चारों ओर एयरटाइट सील व एक खास किस्म के तरल पदार्थ से जुड़ जाता है।

पंक्चर लगाने में नहीं आती दिक्कत
ट्यूबलैस टायर्स में पंक्चर लगाने में कोई दिक्कत नहीं आती। पंक्चर वाली जगह पर स्ट्रिप लगाई जाती है और फिर रबड़ सीमैंट की मदद से उस जगह को भर दिया जाता है। आप खुद भी पंक्चर लगा सकते हैं क्योंकि यह बहुत आसान है। ट्यूबलैस टायर को रिपेयर करने के लिए शॉप और किट आसानी से मिल जाती हैं। इसकी लाइफ ज्यादा होती है।

बेहतर परफॉर्मैंस, ज्यादा माइलेज
ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ट्यूबलैस टायर हल्का होता है जिससे गाड़ी की माइलेज अच्छी रहती है। दूसरी बात यह है कि ये जल्दी गर्म भी नहीं होते। बेहतर ड्राइविंग का एक्सपीरियंस भी मिलता है।

होते हैं ज्यादा टिकाऊ
ट्यूबलैस टायर साधारण टायर से ज्यादा टिकाऊ होते हैं। इन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं होती और यह टायर आपकी पॉकेट पर ज्यादा भारी नहीं पड़ता। अगर आप छोटी यात्रा पर हैं तो कई बार पंक्चर होने पर भी बिना रुके अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। इस स्थिति में टायर को कोई नुक्सान भी नहीं होता लेकिन अगर टायर की हवा पूरी तरह निकल चुकी हो तो वैसी स्थिति में गाड़ी चलाना नुक्सान कर सकता है।

सुरक्षा के लिहाज से भरोसेमंद
ये टायर ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ज्यादा भरोसेमंद भी हैं। ट्यूब वाले टायर में अलग से एक ट्यूब लगी होती है जो टायर को शेप देती है। ऐसे में अगर टायर पंक्चर हुआ तो गाड़ी का बैलेंस बिगड़ सकता है और दुर्घटना भी हो सकती है। ट्यूबलैस टायर में ट्यूब नहीं होने के कारण पंक्चर होने की स्थिति में हवा बहुत धीरे-धीरे निकलती है, ऐसे में गाड़ी को एक सही जगह पर रोकने के लिए आपको थोड़ा टाइम मिल जाता है।

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