ट्रक ड्राइवरों को करना पड़ रहा है मुश्किलों का सामना, 9 करोड़ रुपए मूल्य के फल-सब्जी खराब

Monday, May 11, 2020 - 10:06 AM (IST)

नई दिल्लीः जरूरी सामानों की ढुलाई में लगे ट्रक चालकों को जमीनी स्तर पर अत्यधिक प्रवेश शुल्क, बदसलूकी समेत अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ राज्यों की सीमाओं पर बहुत अधिक प्रवेश शुल्क और पुलिस की कार्रवाई के कारण 300 ट्रकों में लदे 9 करोड़ रुपए मूल्य के फल एवं सब्जियां खराब हो गई हैं। 

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ट्रक चालकों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना 
गृह मंत्रालय की तरफ से ट्रांसपोर्टरों के लिए जारी दिशानिर्देशों के बावजूद कई ट्रक चालकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसको देखते हुए ट्रक चालकों के संगठन ने आपूर्ति बाधित होने को लेकर आगाह किया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अनुसार चालकों के साथ बदसलूकी और दुर्व्यवहार के मामले असम, बिहार, पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों में देखे जा रहे हैं। 

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संगठन ने कहा है कि ‘कोरोना योद्धाओं' के साथ अगर इस प्रकार का अमानवीय आचरण किया जाएगा, इससे आपूर्ति बाधित होगी। संगठन के अनुसार गृह मंत्रालय के जरूरी सामानों की सुचारू आपूर्ति सुनिचित करने के आदेश के बावजूद जमीनी स्तर पर स्थिति खराब होती जा रही है। अगर सरकार हस्तक्षेप करने में विफल रहती है, ट्रकों को चलाना मुश्किल होगा। एआईएमटीसी 95 लाख ट्रक चालकों और इकाइयों का प्रतिनिधित्व करता है। 

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पुलिस ने चालकों पर लाठियां चलाई
एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतरण सिंह अटवाल ने कहा, ‘‘फल और सब्जी लेकर दिल्ली जा रहे करीब 300 वाहनों को शनिवार को बेहरोड (राजस्थान) में 4-5 घंटे के लिए रोका गया। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें आगे जाने की अनुमति दी गई लेकिन बाद में उन्हें फिर शाहजहांपुर सीमा (राजस्थान) पर रोक दिया गया। पुलिस ने चालकों पर लाठियां चलाई और कुछ वाहनों के शीशे तोड़ दिए और उन्हें वापस राजस्थान जाने को कहा।'' 

अटवाल ने कहा कि एआईएमटीसी के देर रात प्रयासों के बावजूद पुलिसकर्मियों ने वाहनों को वापस भेज दिया। इससे करोड़ों रुपए मूल्य के फल और सब्जी खराब हो गए तथा ट्रांसपोर्टरों को अच्छा-खासा नुकसान उठाना पड़ा। एआईएमटीस के महासचिव नवीन गुप्ता ने कहा कि कुल ट्रकों में से केवल 30 प्रतिशत सरकार की अनुमति से वस्तुओं की ढुलाई के लिए सड़कों पर हैं लेकिन अगर मामले में हस्तक्षेप नहीं किया गया, चालकों की कमी होगी और जरूरी सामानों की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
 

jyoti choudhary

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