ट्रेन का AC खराब था, रेलवे के अफसरों ने नहीं सुनी बात, अब रेलवे देगा मुआवजा

Tuesday, Jan 30, 2018 - 09:30 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकारी संस्थान सेवा में लापरवाही करते हैं तो उपभोक्ता मुआवजे के हकदार हैं। रेलवे की सेवा में कमी पाए जाने पर नैशनल कंज्यूमर फोरम ने रेलवे को उपभोक्ता को 15,000 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। पीड़ित ने अपने हक के लिए 2013 से लेकर अब तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है।

क्या है मामला
ईश शर्मा निवासी जालंधर पत्नी और 2 बच्चों के साथ जालंधर से एम.पी. (मध्य प्रदेश) जाने वाली झेलम एक्सप्रैस में 3 टीयर ए.सी. कोच में सवार हुए थे। ट्रेन में चढ़ते ही वह असहज महसूस कर रहे थे। कोच में ए.सी. काम नहीं कर रहा था। उन्होंने ट्रेन स्टाफ  को शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ट्रेन झांसी पहुंची तो ए.सी. पूरी तरह ठप्प हो गया। शर्मा ने कहा कि कोच में बेहद घुटन हो गई। कई पैसेंजर बीमार हो गए। कइयों की हालत खराब थी, उन्हें उल्टियां आईं लेकिन ट्रेन में कोई मैडीकल सहायता नहीं मिली। ए.सी. कोच की हालत जनरल से भी खराब हो गई थी।

यह कहा फोरम ने
नैशनल कंज्यूमर फोरम ने कहा कि रेलवे ने स्टेट कमीशन के बाद अब नैशनल कमीशन में 177 दिन की देरी से अपील की थी। नैशनल कमीशन ने भी माना कि रेलवे ने सेवाएं देने में कोताही बरती है। फोरम ने सुप्रीम कोर्ट के एक केस का हवाला दिया। इसमें भी सरकारी सेवाओं में कोताही हुई थी। इस पर रेखा गुप्ता की बैंच ने रेलवे की अपील खारिज कर दी। फोरम ने कहा कि सरकारी सेवाओं में कोताही के मामलों में नरमी नहीं बरती जा सकती और जिला व राज्य उपभोक्ता फोरम के फैसले को बरकरार रखते हुए रेलवे को पीड़ित को 15,000 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया। 
 

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