एक बार फिर महंगा हो सकता है रेलवे का सफर!

Wednesday, Nov 02, 2016 - 06:35 PM (IST)

नई दिल्ली: ट्रेन में सफर करने वालों पर एक बार फिर से महंगाई की मार पड़ सकती है। इस बार सबअर्बन यानी लोकल ट्रेनों से सफर करने वालों पर गाज गिर सकती है। सूत्रों के मुताबिक वेस्टर्न रेलवे ने रेलवे बोर्ड को भेजने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें लोकल ट्रेन का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव में सिफारिश कि गई है कि एक से 9 किलोमीटर पर लगने वाले किराए की जगह, किराया एक से 5 किलोमीटर के बीच हो और फिर 5 से 10 किलोमीटर के बीच।

बढ़ौतरी का प्रस्ताव फर्स्ट क्लास पैसेजर के लिए
सबसे ज्यादा बढ़ौतरी का प्रस्ताव फर्स्ट क्लास पैसेजर के लिए है। यह तकरीबन 47 फीसदी होगा यानी चर्चगेट से दादर का किराया फर्स्ट क्लास में अगर 340 रुपए अब है तो वो बढ़ कर हो जाएगा 500 रुपए। उसी तरह से सैकेंड क्लास लोकल का किराया 26 फीसदी के आसपास बढ़ाने के संकते दिए हैं।

बढ़ौतरी का ये प्रस्ताव फिलहाल रेलवे बोर्ड के पास ही लंबित
यानी चर्चगेट से दादर के सैकेंंड क्लास का किराया फिलहाल यदि लगता है तो उसे 130 बढ़ा कर 160 करने का प्रस्ताव है। लोकल के किराया बढ़ौतरी का ये प्रस्ताव फिलहाल रेलवे बोर्ड के पास ही लंबित है। रेलवे बोर्ड के सूत्रों की माने तो इस पर कोई फैसला लिया नहीं गया है।

रेलवे बोर्ड को एक नीतिगत फैसला इसमें लेना होगा
रेलवे बोर्ड को एक नीतिगत फैसला इसमें लेना होगा और तीसरी समस्या ये है कि रेल मंत्री खुद महाराष्ट्र से आते है लेकिन आने वाले दिनो में रेलवे को ऐसा कड़ा कदम उठाना ही पड़ेगा, इस बात के संकेत एक और चिठ्ठी से भी मिल रहे है। ये चिट्टी रेलवे बोर्ड के फाइंनेंशियल कमिश्नर ने सभी जोन के जनरल मैनेजर को पिछले महीने ही लिखी है। चिट्ठी में लिखा है कि इस साल सिंतबर महीने में रेलवे का operating ratio 114 फीसदी पहुंच गया है। operating ratio का मतलब है कि सितंबर के महीने में रेलवे को हर 100 रुपए कमाने के लिए 114 रुपए खर्च करना पड़ा रहा है

रेल मंत्री ने इसके लिए चिंता जाहिर भी की
खुद रेल मंत्री ने इसके लिए चिंता जाहिर भी की है, इसलिए रेलवे ने अपने सभी जोन के जीएम को चिट्ठी लिख कर खर्च में कटौती करने के आदेश भी जारी किए हैं। गौरतलब है कि रेलवे के खजाने का ये खस्ता हाल तब है जब माल-भाड़े को घटाया है ताकि रेलवे के पास माल ढुलाई के लिए ज्यादा से ज्यादा काम और बिजनेस आए।

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