5G की सुगबुगाहट, ट्राई ने नीलामी को लेकर चर्चा शुरू की

Tuesday, Aug 29, 2017 - 08:37 AM (IST)

नई दिल्लीः देश में दूरसंचार सेवाओं की अगली यानी पांचवीं पीढ़ी (5जी) की सुगबुगाहट शुरू हो रही है। दूरसंचार नियामक ने स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले दौर के लिए परामर्श प्रक्रिया शुरू की और इस चरण में 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी भी प्रस्तावित है। इसके साथ ही नियामक ने 700 मेगाहटर्ज बैंड के मूल्यांकन प्रणाली को लेकर भी नए सिरे से विचार मांगे हैं क्योंकि पिछली नीलामी के कोई भी कंपनी इस स्पेक्ट्रम को खरीदने के लिए आगे नहीं आई थी।

नियामक ने अपने परामर्श पत्र में भागीदारों से जहां यह पूछा है कि आगामी नीलामी कब होनी चाहिए। इसके साथ ही नियामक जानना चाहता है कि दूरसंचार कंपनियों पर वित्तीय दबाव को देखते हुए क्या नीलमा ‘चरणबद्ध तरीके’ से कराई जाए। सरकार की 700 मेगाहर्ट, 800 मेगाहर्ट, 900 मेगाहर्ट, 1800 मेगाहर्ट, 2100 मेगाहर्ट, 2300 मेगाहर्ट, 2500 मेगाहर्ट, 3300 3400 मेगाहर्ट व 3400 3600 मेगाहर्ट बैंड में स्पेक्ट्रम के उपयोग के अधिकारी की नीलामी की योजना है। अगली नीलामी 2017 में होनी है। इस बीच सेल्यूलर कंपनियों के शीर्ष संगठन सी.ओ.ए.आई. ने सुझाव दिया है कि सरकार को इस साल स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उद्योग ‘भारी वित्तीय संकट’ व ‘अनिश्चितताओं’ से गुजर रहा है। सी.ओ.ए.आई. का कहना है कि 2019 शायद 5जी नीलामी के लिए ‘उचित’ समय होगा। सी.ओ.ए.आई. के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए स्पष्ट रूपरेखा होना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि नीलामी कब होगी और सारी रणनीति को उस नई दूरसंचार नीति से कैसे सम्बद्ध किया जाएगा जो कि दूरसंचार विभाग तैयार कर रहा है।

4जी सेवाओं को बंहतर बनाने का है प्रयास
उन्होंने कहा, ‘अगर ट्राई परामर्श प्रक्रिया शुरू करना चाहता है तो इसमें कोई नुकसान नहीं। सवाल यह है कि वास्तव में नीलामी कब होगी और मूल्य व औपचारिकताएं नई दूरसंचार नीति से कैसे मेल खाती हैं।’ उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में व्यापक एकीकरण चल रहा है और दो कंपनियों के एकीकरण पर स्पेक्ट्रम धारिता को युक्तिसंगत बनाए जाने का मुद्दा सामने है। दूरसंचार नियामक ट्राई ने नौ बेंडों में स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले चरण के लिए परामर्श की प्रक्रिया शुरू की है जिसमें 5जी बैंड का स्पेक्ट्रम भी है। देश में इस समय  चौथी पीढ़ी की यानी 4जी सेवाओं की पहुंच बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।        
 

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