अब 100 मनपसंद TV चैनल देखें महज 130 रुपए में

Thursday, Oct 13, 2016 - 11:33 AM (IST)

नई दिल्ली: केबल उपभोक्ताओं को अगले साल से अपने मनमाफिक चैनल देखने के लिए ज्यादा विकल्प मिल सकेंगे, वह भी सस्ते रेट पर। ट्राई ने पसंदीदा चैनल देखने के लिए चार्ज की जा रही मनमानी दरों पर अंकुश लगाने के लिए सीङ्क्षलग की अनुशंसा की है। केबल उपभोक्ताओं की ओर से मिली कई शिकायतों के बाद टैरिफ को नए सिरे से संशोधित करने की पहल की गई है। ट्राई ने इससे संबंधित कंसल्टेशन पेपर जारी कर सभी संबंधित पक्षों से 24 अक्तूबर तक राय देने को कहा है। ट्राई ने कहा है कि नया टैरिफ प्लान पूरे देश में 1 अप्रैल 2017 से लागू हो जाएगा।

एक एच.डी. चैनल 2 सामान्य चैनल के बराबर 
प्रस्तावित टैरिफ के अनुसार उपभोक्ताओं को केबल कम्पनियों की ओर से कम से कम 100 चैनल 130 रुपए प्रति महीने की दर पर दिखाने होंगे। इनमें वे चैनल भी शामिल होंगे जिन्हें सरकार ने मुफ्त में प्रसारित करने (फ्री टू एयर) को जरूरी किया है। नए प्रस्ताव के अनुसार एक एच.डी. चैनल 2 सामान्य चैनल के बराबर होगा। मतलब अगर उपभोक्ता सभी एच.डी. चैनल चाहते हैं तो प्रति महीने 130 की दर पर उन्हें कम से कम 50 एच.डी. चैनल मिलेंगे। इसके बाद प्रति 25 चैनल के ब्लाक पर 20 रुपए प्रति महीने की दर से देने होंगे। मतलब किसी उपभोक्ता ने 125 चैनल्स की सेवा ली है तो उसे हर महीने 150 रुपए देने होंगे। 

मनमाने तरीके से पैसे बढ़ाने पर रोक
हालांकि इसमें टैक्स शामिल नहीं है। असल बिल में सॢवस टैक्स भी जोड़ा जाएगा। ट्राई के अनुसार अभी देश में 48 ब्रॉडकास्टर हैं जो 275 पेड चैनल टैलीकास्ट करते हैं। ट्राई ने अपने प्रस्ताव में किसी चैनल के मनमाने तरीके से दर बढ़ाने पर भी रोक लगाने को कहा है। ट्राई ने यह भी कहा कि कुछ चैनल अपनी भाषा और क्षेत्रीय पसंद के हिसाब से किसी प्रांत या क्षेत्र में अधिक लोकप्रिय हो सकता है। ऐसे में टैरिफ को क्षेत्र के हिसाब से भी बांटा जाएगा।

उपभोक्ता खुद तय करेंगे चैनल
ट्राई के अनुसार उपभोक्ता कौन से 100 चैनल देखेंगे, इसे वे खुद ही तय करेंगे। केबल आप्रेटर कम उपयोगी 100 चैनल देकर उपभोक्ता को बाकी चैनल्स के लिए ज्यादा पैसा देने का दबाव नहीं डाल सकता है। सभी केबल आप्रेटरों को इसके लिए सिस्टम बनाने को कहा गया है।

प्रीमियम चैनल को अनुमति, सीलिंग भी नहीं 
ट्राई ने केबल और टी.वी. आप्रेटरों की ओर से प्रीमियम चैनल खोलने की अनुमति दे दी है। इसके टैरिफ पर सीलिंग नहीं होगी। मतलब सभी ब्रॉडकास्टर एक ऐसा प्रीमियम चैनल खोल सकते हैं जिसके लिए वे अपने हिसाब से दर तय कर सकेंगे।

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