''ट्राई कोई वाहवाही नहीं लूटना चाहता, नियम बनाते समय खुला विचार-विमर्श होता है''

Monday, Aug 27, 2018 - 11:27 AM (IST)

नई दिल्लीः दूरसंचार नियामक ट्राई के चेयरमैन पूर्व के निर्णयों को लेकर उद्योग की आलोचना को तवज्जो नहीं देते हुए कहा है कि नियामक का उद्येश्य वाहवाही लूटना नहीं है। उन्होंने कहा कि नियामक अपना काम ग्राहकों तथा क्षेत्र के हित में संबंधित पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद पारदर्शी तरीके से कर रहा है।

ट्राई के चेयरमैन के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद पहले साक्षात्कार में शर्मा ने कहा कि अगर कोई भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के किसी नियमन से खुश नहीं है तो उसके पास कानून विकल्प उपलब्ध हैं। शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हम कोई वाहवाही लूटना चाहते हैं हमारी जो भी क्षमता है, हम उसके मुताबिक काम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति हो सकती है जब कोई पक्ष हमारे निर्णय से खुश नहीं है और मैंने पहले भी कहा है कि उसे चुनौती देने के लिये उपयुक्त मंच हैं।’’ उन्होंने कहा कि निर्णय लेने के मामले में ट्राई का रुख कभी मनमना नहीं रहा। हर फैसला, आदेश या नियमन से पहले पूर्ण रूप से विचार-विमर्श किया गया और पूरी पारदर्शिता अपनाई गई।

उल्लेखनीय है कि ट्राई के काल जोडऩे के शुल्क में कटौती से लेकर ‘प्वाइंट आफ इंटरकनेक्ट के प्रावधान पर रुख (रिलायंस जियो ने सेवा शुरू करने के मौके पर इसकी मांग की थी) तथा दूसरों का बाजार बिगाडऩे की मूल्य नीति पर उसके निर्णय को भारती एयरटेल, वोडाफोन तथा आइडिया सेल्यूलर जैसी कंपनियों ने काफी आलोचना की थी।

ट्राई प्रमुख हमेशा अपने रुख पर अडिग रहे और बार-बार कहा कि उद्योग की निष्पक्ष आलोचना को स्वीकार करते हैं लेकिन बिना किसी साक्ष्य के आधारहीन आरोप उन्हें परेशान करता है क्योंकि इससे संस्थान की साख पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘ट्राई एक जीवंत संगठन है और हम एक ऐसे नियामक हैं जिनका विदेशों में साख है। हमें इस पर गर्व हैं। नियामक इस दिशा में आगे बढ़ता रहेगा।’’ उन्होंने नेट निरपेक्षता, डेटा निजता और मशीन-टू-मशीन संचार एवं अन्य जैसे क्षेत्रों में किए गए कार्यों को रेखांकित किया।     
 

jyoti choudhary

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