TRAI: रेग्युलेटर नहीं तय करेगा मिनिमम कॉल रेट

Thursday, May 04, 2017 - 02:22 PM (IST)

नई दिल्लीः टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के चेयरमैन आर.एस. शर्मा ने कहा कि कुछ टेलिकॉम कंपनियां 'बहुत ज्यादा शोर मचा रही हैं। उन्होंने इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (IUC) को वॉइस कॉल के लिए मिनिमम प्राइस माने जाने की उनकी मांग खारिज कर दी। भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर ने ट्राई से कहा है कि 14 पैसे प्रति मिनट के आई.यू.सी. को रिटेल वॉइस टैरिफ का सबसे निचला स्तर माना जाना चाहिए और रिलायंस जियो इंफोकॉम के फ्री वॉइस कॉल ऑफर को बैन किया जाना चाहिए।

रेग्युलेटर को मिनिमम प्राइस करना चाहिए फिक्स
उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर बहुत शोर मचाया जा रहा है कि रेग्युलेटर को मिनिमम प्राइस फिक्स करना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि रेग्युलेटर के लिए ऐसा करना ठीक होगा। यह तो नहीं हो सकता कि कस्टमर्स के लिए आप प्राइस चाहे जितना बढ़ाएं, लेकिन एक तय सीमा से नीचे न ले जाएं। आई.यू.सी. वह चार्ज होता है, जो कॉलर का ऑपरेटर रिसीविंग पॉर्टी के ऑपरेटर को चुकाता है। जियो के फ्री वॉइस और डेटा ऑफर्स ने उसे सितंबर की शुरुआत में  लांच के 170 दिनों के भीतर 10 करोड़ सब्सक्राइबर्स जोड़ने में मदद की है। 

जियो से दूसरी कंपनियों को हो रही दिक्कत 
उन्होंने कहा कि पहली अप्रैल से जियो ने डेटा के लिए पैसा लेना शुरू किया, लेकिन उसने वादा किया है कि वॉइस कॉल हमेशा फ्री रहेगी। इससे दूसरी कंपनियों को दिक्कत हो रही है, जो अब भी अपनी आमदनी का 80 पर्सेंट हिस्सा वॉइस से जुटाती हैं। शर्मा ने कहा कि ट्राई का मानना है कि बेवजह की दखलंदाजी से बात नहीं बनेगी। उन्होंने कहा, 'लॉन्ग टर्म में कम से कम दखल और रेग्युलेशन होना चाहिए। 

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