ट्रेड वॉरः अमरीका के निशाने पर अब भारत भी

Thursday, Jul 11, 2019 - 10:35 AM (IST)

नई दिल्लीः मंगलवार की सुबह अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर साफ कर दिया कि उनके निशाने पर केवल चीन ही नहीं है बल्कि भारत भी है लेकिन ट्रम्प की नीतियों के कारण भारत और अमरीका के बीच एक साल से तनाव है। ट्रम्प ने ट्वीट किया था कि भारत अमरीकी उत्पादों पर भारी टैक्स लगा रहा है। इसे लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ट्रम्प ने चीन के साथ ट्रेड वॉर की शुरूआत की थी तो इसी तरह के दावे किए थे। पिछले महीने भारत ने अमरीकी उत्पादों पर टैक्स लगा दिया था और यह भारत की जवाबी कार्रवाई थी। अमरीका ने एक जून को भारत को कारोबार में दी विशेष छूट वापस ले ली थी और कहा था कि इसके जरिए भारत अमरीकी बाजार में 5.6 अरब डॉलर का सामान बिना टैक्स के बेच रहा था। हालांकि दुनिया भर का ध्यान केवल अमरीका और चीन के ट्रेड वॉर पर है। दूसरी तरफ ट्रम्प प्रशासन 2018 से ही भारत के साथ कारोबारी टकराव के रास्ते पर है। मार्च 2018 में जब ट्रम्प ने इस्पात और एल्युमिनियम के आयात पर टैक्स लगाने की घोषणा की तो इसका असर भारत समेत कई देशों पर पड़ा।

भारत ने अमरीका के कृषि उत्पादों को किया टारगेट
पीटरसन इंस्टीच्यूट फॉर इंटरनैशनल इकोनॉमिक्स के एक विश्लेषण के अनुसार भारत से 76.1 करोड़ डॉलर के एल्युमिनियम के आयात पर 25 प्रतिशत का टैक्स लगा और 38.2 करोड़ डॉलर के आयात पर 10 प्रतिशत टैक्स लगा। मार्च में ही ट्रम्प प्रशासन ने एक और फैसला किया जिससे भारत को ट्रेड एक्ट ऑफ 1974 के तहत मिली विशेष छूट को खत्म कर दिया। ट्रम्प प्रशासन का तर्क था कि भारत अमरीकी उत्पादों को अपने बाजार में बराबर और उचित पहुंच नहीं दे रहा है इसलिए यह फैसला लिया गया। भारत ने टैक्स के जरिए अमरीका के कृषि उत्पादों को टारगेट किया है। भारत के पलटवार से अमरीकी बादाम का निर्यात प्रभावित हुआ है। भारत कैलिफोर्निया से 60.0 करोड़ डॉलर का बादाम आयात करता है और वॉशिंगटन से सेब।

दोनों देशों में टकराव से अमरीका हित होंगे प्रभावित
अमरीका भारत वस्तुओं के कारोबार में नौवां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। अगर दोनों देशों में कारोबारी टकराव गहराता है तो अमरीकी हित भी प्रभावित होंगे। पिछले साल अमरीका ने भारत से 33.1 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था जबकि भारत से आयात 54.4 अरब डॉलर का किया था। जाहिर है इसमें अमरीका को 21.3 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हो रहा है। अमरीका ने पिछले साल 7.9 अरब डॉलर के महंगे धातु और पत्थर का निर्यात भारत से किया था। ये सबसे महंगे निर्यात की श्रेणी में आते हैं। इसी तरह अमरीका ने 6.2 अरब डॉलर के खनिज ईंधन का भी निर्यात भारत से किया था। इसके अलावा 3.0 अरब डॉलर का एयरक्राफ्ट उत्पाद और 2.2 अरब डॉलर की मशीनरी का निर्यात किया था। दूसरी तरफ पिछले साल अमरीका ने 11 अरब डॉलर के महंगे धातु और पत्थर का आयात किया था। इसके अलावा 6.3 अरब डॉलर के मैडीकल उत्पाद, 3.3 अरब डॉलर की मशीनरी, 3.2 अरब डॉलर के खनिज ईंधन और 2.8 अरब डॉलर की गाडिय़ां भारत से आयात की थीं।

स्टील और एल्युमिनियम पर भारी टैक्स 
स्टील और एल्युमिनियम पर भारी टैक्स से भारतीय आयात भी प्रभावित हुआ है। इसका असर इलैक्ट्रिकल उत्पाद, मशीनरी और कैमिकल्स पर पड़ा है। जानकारों के अनुसार टैक्सों के बढ़ने से भारतीय उत्पादों का निर्यात अमरीकी बाजार में मुश्किल होगा और इससे अमरीकी उपभोक्ता प्रभावित होंगे। हालांकि यह साफ नहीं है कि ट्रम्प भारत के साथ टकराव को आगे बढ़ाएंगे या सीमित ही रखेंगे। ट्रम्प अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को फिर से आकार देने की कोशिश कर रहे हैं। वह कह रहे हैं इस युद्ध में अमरीका की जीत होगी। वह विदेश नीति में टैक्स को टूल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
 

Supreet Kaur

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