उड़ता टमाटर: कुछ दिनों में ही 4 गुना बढ़े दाम

Sunday, Jun 19, 2016 - 02:30 PM (IST)

जालंधर: अभी तक केंद्र की भाजपा सरकार यह दम भरती आई थी कि उसने अपने वायदे के मुताबिक महंगाई को काबू में रखा है परंतु उसका यह दावा अब हाथ से फिसलता लग रहा है क्योंकि रोजमर्रा की चीजों, खासकर खाद्य पदार्थों के दाम तेजी से बढ़े हैं। अब तक दाल, प्याज या सब्जियां मौसम के हिसाब से महंगी होकर आम आदमी की थाली से दूर हो जाती थीं लेकिन इस बार महंगाई का संयोग लोगों पर भारी पड़ रहा है। आलू, टमाटर और दाल एक साथ महंगे हुए हैं और थाली से दूर हो रहे हैं।

सबसे ज्यादा तेजी दाल, टमाटर, प्याज, आलू आदि रोजाना की खपत की चीजों में दिखती है। राजधानी में साल भर पहले इसी मौसम में 15 से 20 रुपए किलो मिलने वाले टमाटर के भाव इन दिनों काफी ऊंचा उड़ रहे हैं और यह 60 से 80 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। आलू को सदा गरीबों का सहारा माना जाता रहा है, पर इन दिनों आलू की कीमत भी चुभ रही है। इतना ही नहीं, 15 रुपए में डेढ़ किलो बिकने वाला आलू अब 25 से 30 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं प्याज एक बार फिर रुलाने की तैयारी में है।

120 प्रतिशत तक बढ़ी दालें
राजधानी में पिछले 2 वर्षों में अरहर की कीमत दोगुनी हो गई है जबकि उड़द की कीमत में करीब 120 प्रतिशत बढ़ौतरी हुई है। दालों की कीमत में बढ़ौतरी की स्थिति यह है कि इस साल चना दाल तक की कीमत में 85 प्रतिशत बढ़ौतरी हो गई है। वहीं उड़द 160 रुपए किलो जबकि 40 रुपए किलो चने की दाल भी बढ़कर 85 रुपए पर पहुंच गई। जयपुर में उड़द 160 रुपए किलो बेची जा रही है वहीं अरहर भी 100 रुपए को छू रही है।

सरकार के माथे पर परेशानी की लकीरें
खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई इस तेजी ने सरकार के माथे पर भी परेशानी की लकीरें खींच दी हैं जिसका अंदाजा शीर्ष स्तर पर हुई ताबड़तोड़ बैठकों से लगाया जा सकता है। कैबिनेट सचिव ने जहां उपभोक्ता, कृषि, वाणिज्य और राजस्व विभागों के सचिवों की बैठक बुलाई वहीं उपभोक्ता मामलों के सचिव ने खुफिया ब्यूरो, राजस्व खुफिया निदेशालय और राज्यों के पुलिस प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श कर हालात का जायजा लिया। इस बीच डीजल के दाम में 1.25 रुपए प्रति लीटर की बढ़ौतरी कर दी गई जिससे ढुलाई और महंगी हो गई, यानी महंगाई को हवा देने वाली एक और वजह शामिल हो गई।

मूल्य स्थिरीकरण कोष ठंडे बस्ते में

भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में एक वायदा महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने का भी था। सरकार के 2 साल बीतने पर भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है या यूं कहें तो मूल्य स्थिरीकरण कोष को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया लगता है।

‘उड़ता पंजाब’ के बाद सोशल मीडिया पर छाया ‘उड़ता टमाटर’
 टमाटर के बढ़े हुए दाम देश की विभिन्न सब्जी मंडियों में तो छाए ही वहीं सोशल मीडिया में धमाल मचाए हुए हैं। टमाटर की कीमतों में हुई दोगुनी वृद्धि उपभोक्ताओं को अखर रही है। खासतौर पर गृहिणियां जो कि मंडी में इन्हें खरीदने जाती हैं लेकिन सोशल मीडिया पर टमाटर छाया रहा। लोग महंगाई के इस झटके पर सीधा-सीधा मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो कई प्रकार की फनी फोटोज भी शेयर कर सरकार का मजाक उड़ाया जा रहा है। ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म के बाद ‘उड़ता टमाटर’ खूब धमाल मचाए हुए है।

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