इस बार त्योहारी सीजन में नहीं होगी सूखे मेवों की किल्लत, दामों में भी आएगी गिरावट
Monday, Aug 29, 2022 - 05:10 PM (IST)
बिजनेस डेस्क: बीते साल की तरह इस साल त्योहारी सीजन में लोगों को सूखे मेवों की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। पिछले साल देश तालिबान-अफगानी संकट के चलते त्यौहारों के सीजन में मेवों की कमी हो गई थी, जिसके चलते इनके दाम भी आसमान छू रहे थे। इस साल भारत से दूसरे देशों से सूखे मेवों का आयात जमकर हुआ है। जिसके चलते कीमतें कम होने की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जून के बीच केसर का आयात पिछले साल अप्रैल-जून के 8.25 टन से 273 फीसदी बढ़कर 30.79 टन हो गया है। पिछले पूरे वित्त वर्ष में ही केवल 35.73 टन केसर का आयात हुआ था यानी इस बार पहली तिमाही में ही उसका करीब 85 फीसदी आयात हो चुका है। इसमें करीब 22.72 टन केसर नाइजीरिया से आया है, जहां से पिछले साल बिल्कुल भी आयात नहीं हुआ था।
इसी तरह इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अंजीर का आयात पिछले साल अप्रैल-जून से 123 फीसदी बढ़कर 357 टन हो गया है, जिसमें से अफगानिस्तान से 258 टन अंजीर आया है, जबकि किशमिश का आयात करीब 22 फीसदी बढ़कर 3,818 टन हो गया है। अखरोट का आयात करीब 77 फीसदी बढ़कर 333 टन के करीब पहुंच गया है। अफगानिस्तान से पिछली तिमाही में 1,426 फीसदी ज्यादा अखरोट आया है। काजू का आयात भी उपरोक्त तिमाही में करीब 30 फीसदी इजाफे के साथ 4.30 लाख टन पर पहुंच गया।
मगर अप्रैल से जून के बीच बादाम और पिस्ता के आयात में गिरावट आई है। बादाम का आयात 42 फीसदी घटकर 1,014 टन रहा है लेकिन पिछले वित्त वर्ष में 15,943 टन बादाम का आयात होने से बाजार में इसका पर्याप्त भंडार है और किल्लत होने की आशंका नहीं है। आगे अमेरिका में नई फसल आने से बादाम का आयात बढ़ने की उम्मीद भी कारोबारी लगा रहे हैं। विदेश से इस तिमाही पिस्ता भी केवल 2,009 टन आया है, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से करीब 41 फीसदी कम है। मगर कारोबारियों को उम्मीद है कि जुलाई से सितंबर के बीच मेवों का आयात बहुत अधिक रहेगा।