GST काउंसिल की बैठक में ये चीजें हो सकती हैं सस्ती!

Tuesday, Jun 18, 2019 - 06:50 PM (IST)

नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली जीएसटी काउंसिल की बैठक 20 जून को होगी। इस बैठक में आम आदमी को कई राहत देने पर विचार किया सकता है। सूत्रों के मुताबिक, डिमांड में आई सुस्ती से निपटने के लिए गूड्स एंड सर्विसेज टैक्स के स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव किया जा सकता है। 28 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब से कई चीजों को हटाया जा सकता है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय, कंपनी से कंपनी के बीच खरीद-फरोख्त के लिए एक केंद्रीकृत सरकारी पोर्टल पर ई-इनवॉइस क्रिएट करने की प्रस्तावित व्यवस्था पर विचार कर रही हैं। 50 करोड़ रुपए या उससे अधिक के कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए जरूरी करने का प्रस्ताव पास हो सकता है। GST की चोरी पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाने की योजना है।

68,041 कंपनियों ने किया 50 करोड़ से अधिक का कारोबार- इस प्रस्ताव पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 20 जून को होने वाली अगली बैठक में राज्यों के साथ परामर्श कर निर्णय किया जाएगा। कंपनियों की ओर से प्रस्तुत विवरणों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2017-18 में 68,041 कंपनियों ने 50 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार दिखाया। इन कंपनियों का जीएसटी में योगदान 66.6 फीसदी रहा। जीएसटी भुगतान करने वाली कुल इकाइयों में ऐसी कंपनियों का हिस्सा केवल 1.02 फीसदी है पर B2B इनवॉइस निकालने के मामले में इनकी हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है।

ये चीजें हो सकती हैं सस्ती

  • डिमांड में सुस्ती साफ दिख रही है। इस मोर्चे पर जल्द कदम उठाने होंगे। अगर इस सुस्ती का दायरा बढ़ सकता है। नौकरियों पर भी संकट खड़ा हो सकता है।
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  • ऑटोमोबाइल्स को 28 फीसदी जीएसटी वाले ब्रैकेट में रखा गया है। गाड़ियों पर उनके आकार और सेगमेंट के मुताबिक कंपनसेशन सेस भी लगता है। रेट घटाने से कीमत कम होगी और इससे हो सकता है कि कंज्यूमर्स की ओर से डिमांड बढ़ती दिखाई दें।
  • आपको बता दें कि जीएसटी के 28 फीसदी वाले स्लैब में लग्जरी आइटम्स आते हैं जैसे छोटी कारें, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में एसी, फ्रिज, प्रीमियम कारें, सिगरेट, महंगी मोटरसाइकिल।
  • इंडियन इकनॉमी की ग्रोथ रेट वित्त वर्ष 2019 में 6.8 प्रतिशत के साथ पांच साल के निचले स्तर पर रही। जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान यह 5.8 प्रतिशत थी। यह इसकी 20 तिमाहियों में सबसे धीमी रफ्तार थी।

 

jyoti choudhary

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