GST के बाद करेगे ये गलतियां, तो बन जाओगे गुनाहगार

Friday, Jun 23, 2017 - 01:32 PM (IST)

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का 1 जुलाई से देशभर में लागू होना तय है। आपको बता दें कि जीएसटी मॉडल के तहत एक ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है कि जो यह बताएगा कि इसके (नए अप्रत्यक्ष कर कानून) अंतर्गत क्या करना अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। हम अपनी खबर के माध्यम से आपको बताने की कोशिश करेंगे कि जीएसटी के लागू होने के बाद किन कामों को कर आप मुश्किल में फंस सकते हैं।

न जारी करें गलत एनवॉयस: जीएसटी लागू होने के बाद बिल से जुड़े काम मसलन गलत इनवॉयस को जारी करना जीएसटी के नियमों के तहत अपराध माना जाएगा। गलत एनवॉइस जारी करना, बिना एनवॉयस के माल की आपूर्ति करना और इनवॉयस से किसी भी व्यक्ति को लाभ पहुंचाना अपराध माना जाएगा।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दौरान न दें गलत जानकारी: देश भर के व्यापारियों को जीएसटी में माइग्रेट किया जा रहा है। इसके लिए दो बार जीएसटी पोर्टल खुल चुका है। तीसरी बार यह फिर से 25 जून को खुल रहा है। ऐसे में ध्यान रखें कि जीएसटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के दौरान गलत जानकारी भूलकर भी न दें और टैक्स बचाने के लिए फर्जी फाइनेंशियल रिकॉर्ड पेश न करें।

ग्राहकों से जीएसटी कलेक्ट कर सरकार को देना न भूलें: व्यापारी वर्ग की भलाई इसी में है कि वो ग्राहकों से टैक्स कलेक्ट कर उसे सरकार के पास जमा करा दें। जीएसटी के लागू होने के बाद व्यापारी वर्ग की कुछ गतिविधियां अपराध की श्रेणी में आएंगी जिसमें ग्राहकों से जीएसटी कलेक्ट कर उसे तीन महीने के भीतर सरकार के पास न जमा करना, गलत तरीके से जीएसटी पर रिफंड हासिल करना और जानबूझकर अपनी सेल्स को टैक्स बचाने के लिए छुपाना प्रमुखता से शामिल है।

वैलिड पेपर्स के बिना ट्रांसपोर्ट न करें अपना सामान: अगर आपके पास वैलिड पेपर्स (कागजात) नहीं हैं तो आप अपना सामान ट्रांसपोर्ट न करें। जीएसटी नियमों के तहत वैलिट पेपर्स के बगैर सामान को ट्रांसपोर्ट करना और जब्त सामान को नष्ट करना अपराध के श्रेणी में रखा गया है।

भूलकर भी न करें ये काम: अगर आपने जीएसटी के तहत अपना रजिस्ट्रेशन नहीं भी कराया है, तो भी जीएसटी कानून आप पर लागू होगा। टी.डी.एस. कलेक्ट नहीं करना या तय राशि से कम कटवाना, इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर होने के बाद भी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना या देना और टैक्स से जुड़े अधिकारी को ड्यूटी के दौरान नुकसान पहुंचाना अपराध की श्रेणी में रखा गया है।


 

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