भारत बंद को लेकर बोले जेटली, ट्रेड यूनियनों के विरोध-प्रदर्शन के पीछे कोई ठोस आधार नहीं

punjabkesari.in Thursday, Jan 10, 2019 - 10:14 AM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को वाम दलों से संबद्ध ट्रेड यूनियनों पर बिना बात के मुद्दों को खड़ा कर विरोध प्रदर्शन और बंद का आह्वान करने को लेकर आलोचना की और कहा कि केन्द्र की राजग सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाएं हैं।केंद्र की कथित श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के भारत बंद के दूसरे और अंतिम दिन उन्होंने यह बात कही। जेटली ने ‘वर्तमान सरकार और श्रमिक’ शीर्षक से जारी फेसबुक पोस्ट में कहा है, अगर वाम सर्मिथत ट्रेड यूनियन बिना किसी मुद्दे के प्रदर्शन कर ट्रेड यूनियन आंदोलन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करना जारी रखेंगे तो ऐसे में देश का श्रम बल गंभीरता से इस बात का विश्लेषण करेगा कि वर्तमान सरकार ने उनके लिए क्या किया है और पूर्व की सरकारों के अपेक्षाकृत कमजोर रिकॉर्ड से इसकी तुलना करेगा।

श्रमिकों के कल्याण के लिए राजग सरकार के कदमों का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि पूर्व की किसी भी सरकार ने श्रमिकों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए इतने कम समय में कर्मचारियों के हित में फैसले नहीं किए हैं।जेटली ने कहा, कागजी कामकाज को कम करने के लिए कई कानूनों में प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है लेकिन सरकार ऐसे फैसलों से बचती रही है जो कर्मचारियों के हितों के खिलाफ हो।’’ राजग सरकार ने ट्रेड यूनियनों से लगातार बातचीत जारी रखने के लिए 2014 में ही एक मंत्री समूह का गठन कर दिया था।

बकौल जेटली राजग सरकार ने बोनस और ग्रेच्युटी की ऊपरी सीमा, न्यूनतम वेतनमान, मातृत्व लाभ को बढ़ाने और 1,000 रुपए के निर्धारित पेंशन की गारंटी का फैसला किया। जेटली ने कहा, क्या उनके (ट्रेड यूनियनों) पास कोई वास्तविक मुद्दा है या देश में सांकेतिक अशांति पैदा कर ये महज देश के राजनीतिक मानचित्र पर बने रहने की वाम राजनीतिक संगठनों की रणनीति का हिस्सा भर है।’’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में वाम दलों की शक्ति का काफी ह्रास हुआ है। वित्त मंत्री के मुताबिक केरल में भी वाम दलों के खिलाफ राजनीतिक माहौल तैयार हो रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News